25 मार्च, 2014

संविधान


यह पुस्तक मर चुकी है
इसे मत पढ़ो
इसके लफ़्ज़ो में मौत की ठन्ड है
और एक-एक पन्ना
ज़िन्दगी के अंतिम पल जैसा भयानक
यह पुस्तक जब बनी थी
तो मैं एक पशु था
सोया हुआ पशु
और जब मैं जागा
तो मेरे इन्सान बनने तक
ये पुस्तक मर चुकी थी
अब अगर इस पुस्तक को पढ़ोगे
तो पशु बन जाओगे
सोए हुए पशु

अवतार सिंह पाश

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