tag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post4425273601710771264..comments2024-03-01T14:11:09.785+05:30Comments on बिजूका: पाथेर पांचाली: Song of the little roadबिजूका http://www.blogger.com/profile/10014371426239901036noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-3452595714775760612023-04-17T10:29:51.682+05:302023-04-17T10:29:51.682+05:30Na
Na<br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-3729815172912111102018-06-27T16:26:12.030+05:302018-06-27T16:26:12.030+05:30क्या हिंदी या मराठी में अनुवाद उपलब्ध है?
क्या हिंदी या मराठी में अनुवाद उपलब्ध है?<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01217879338595846024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-20481424746756619362011-05-30T01:35:40.608+05:302011-05-30T01:35:40.608+05:30लगता है सुनील दीपक जी द्वारा इंगित "प्रथम प्र...लगता है सुनील दीपक जी द्वारा इंगित "प्रथम प्रतिश्रुति" पढना पड़ेगा ...रघु यादवhttps://www.blogger.com/profile/04995184067589104065noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-84466814168487764172010-08-07T13:31:47.407+05:302010-08-07T13:31:47.407+05:30मैंने बहुत साल पहले पाथेर पांचाली देखी थी. विभूतिन...मैंने बहुत साल पहले पाथेर पांचाली देखी थी. विभूतिनाथ बंदोपाध्याय का उपन्यास नहीं पढ़ा. लेकिन, जब आशापूर्णा देवी का "प्रथम प्रतिश्रुति" पढ़ा था तो लगा था कि वह पाथेर पांचाली का आल्टरनेट भविष्य का उपन्यास हो जिसका मूल विचार है कि अगर अपू मर जाता और दुर्गा जि़न्दा होती तो कहानी क्या होती. अपू की ट्राईलोजी के तरह से आशापूर्णा देवी ने भी प्रथम प्रतिश्रुती की ट्रालोजी लिखी जो बाद में स्वर्णलता और बुकुल कथा उपन्यासों से बनी. शायद कोई बँगला साहित्य जानने वाला ही बता सकता है कि क्या इस तरह की कोई बहस कभी हुई या नहीं?Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.com