tag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post2568350846464929862..comments2024-03-01T14:11:09.785+05:30Comments on बिजूका: बिजूका http://www.blogger.com/profile/10014371426239901036noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-66913125209194779242021-10-03T19:20:47.692+05:302021-10-03T19:20:47.692+05:30कविताएं तो अच्छी होती ही हैं हूबनाथ जी की ये साक्ष...कविताएं तो अच्छी होती ही हैं हूबनाथ जी की ये साक्षात्कार भी अच्छा है इस लिहाज़ से कि लेखन कोरा लेखन न हो दायित्व बोध भी हो अपने समाज के प्रति।Khudejahttps://www.blogger.com/profile/09223893878668101221noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-74050094011526001102019-01-05T14:40:51.953+05:302019-01-05T14:40:51.953+05:30इस साक्षात्कार से सर के जीवन संघर्ष से भी परिचय हु...इस साक्षात्कार से सर के जीवन संघर्ष से भी परिचय हुआ.Maharudra Sirsathttps://www.blogger.com/profile/14421551939205747179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-85842251916173824272018-12-24T20:21:13.605+05:302018-12-24T20:21:13.605+05:30साक्षात्कार लम्बा है, लेकिन बातचीत अच्छी बन पड़ी ह...साक्षात्कार लम्बा है, लेकिन बातचीत अच्छी बन पड़ी है। यह पहली कड़ी है, दूसरी कड़ी गुरुवार को लगेगी।सत्यनारायण पटेल, कहानीकार, उपन्यासकार, इन्दौरhttps://www.blogger.com/profile/11051949687014113807noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-31933387005808075752018-12-24T11:45:14.218+05:302018-12-24T11:45:14.218+05:30मुझे अच्छा लगा ये साक्षात्कार। मेरे लिए ये साक्षात...मुझे अच्छा लगा ये साक्षात्कार। मेरे लिए ये साक्षात्कार दरअसल डॉ. हूबनाथ पाण्डेय से पहला परिचय है। साथ ही बेचन शर्मा 'उग्र', राजकमल शर्मा और रामानंद सागर की कृति 'और इंसान मर गया' से भी।<br /><br />बहुत लंबा है, लेकिन बांधे रक्खा इसने।Dinesh Dardhttps://www.blogger.com/profile/13183294752122627467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-19184663176944564452018-12-23T19:31:36.454+05:302018-12-23T19:31:36.454+05:30यह इंटरव्यू एक प्रोफेसर का इंटरव्यू है। इसमें बहुत...यह इंटरव्यू एक प्रोफेसर का इंटरव्यू है। इसमें बहुत अधिक सजगता से बात की गई है। शिक्षा और साहित्य के संबंधों पर और साहित्य को लेकर बहुत हल्के या चलते फिरते तरीके से बात की गई है। विश्वविद्यालयपन इसमें साफ है गंभीरता और गहरी सोच नदारद है।संजीव जैनhttps://www.blogger.com/profile/14714062154925010187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-20587880446757453212018-12-23T17:54:16.483+05:302018-12-23T17:54:16.483+05:30हूंनाथ जी की कविताई स्तरीय होती है। उनका साक्षात्क...हूंनाथ जी की कविताई स्तरीय होती है। उनका साक्षात्कार पढ़ा ,अच्छा लगा। वे साहित्य के अच्छे अध्येता है।डॉ अवधेश कुमार रायhttps://www.blogger.com/profile/16211411140762448675noreply@blogger.com