tag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post3365363099298583811..comments2024-03-01T14:11:09.785+05:30Comments on बिजूका: बिजूका http://www.blogger.com/profile/10014371426239901036noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-23433442235760323002018-07-08T07:28:16.051+05:302018-07-08T07:28:16.051+05:30विविधता के खिलाफ खड़े होना - एकरस न होना,नीरस न होन...विविधता के खिलाफ खड़े होना - एकरस न होना,नीरस न होना....वास्तव में जीवन जीने का यही सलीका मुझे भी बहुत भाता है।प्रज्ञा अपने कहानियों की दुनिया में सार्थक सकारात्मक हस्तक्षेप किया है कैज़ुअल न होकर सोद्देश्य है।आप इस पथ पर निरंतर अग्रसर हों,शुभ कामनाएँ।<br /> - यादवेन्द्रbatkahihttps://www.blogger.com/profile/15244102765482104668noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-81950733449454527392018-07-03T09:51:52.037+05:302018-07-03T09:51:52.037+05:30बिल्कुल सहमत मैम, वास्तविक प्रेरणा तो वे अनगिनत स...बिल्कुल सहमत मैम, वास्तविक प्रेरणा तो वे अनगिनत साधारण मनुष्य और उनका जीवन है जो विपरीत सामाजिक-राजनीतिक-आर्थिक परिस्थितियों में भी संघर्ष करते हुए भी अपनी मुनष्यता का दामन कभी नहीं छोड़ते और ऐसे प्रेरणापरक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं कि उनकी कहानी कहे बिना नहीं रहा जाता।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10645044492384403156noreply@blogger.com