tag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post5822197727492902589..comments2024-03-01T14:11:09.785+05:30Comments on बिजूका: बिजूका http://www.blogger.com/profile/10014371426239901036noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-70064959910354649512021-06-12T14:40:14.572+05:302021-06-12T14:40:14.572+05:30आपकी कविताएं बेचैन करती हैं...थोड़ा सा रुलाती हैं....आपकी कविताएं बेचैन करती हैं...थोड़ा सा रुलाती हैं..पढ़ते पढ़ते कहीं ठिठक कर सोचने पर मजबूर करती हैं.....बहुत खूब लिखती हैं आप. Poornima mishrahttps://www.blogger.com/profile/03630965059086279847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-26849959186434305112021-06-09T20:36:28.723+05:302021-06-09T20:36:28.723+05:30आपकी कविताएं स्त्री,विशेषकर पहाड़ की स्त्री का दर्द...आपकी कविताएं स्त्री,विशेषकर पहाड़ की स्त्री का दर्द समेटे हैं।कितना कुछ दर्द छिपाती है स्त्री।कोमल व भावुक कविताएं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05557987312516836001noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-42665653722732561622018-08-13T09:41:04.530+05:302018-08-13T09:41:04.530+05:30BehtareenBehtareenAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/06742554462607398456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-82003211629161606952018-06-25T09:13:17.692+05:302018-06-25T09:13:17.692+05:30बेहतरीन कविताएं हैं बेहतरीन कविताएं हैं वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-8268532120226263072018-06-18T05:55:52.915+05:302018-06-18T05:55:52.915+05:30बहुत-बहुत सुन्दर कविताएँ, दिल को छू लेने वाली, कुछ...बहुत-बहुत सुन्दर कविताएँ, दिल को छू लेने वाली, कुछ कसक छोड़ जाने वाली, कुछ टीस छोड़ जाने वाली. दीपिका घिल्डियाल की कविताओं ने तो पहाड़ के सीधे-सादे जीवन को महानगरीय सभ्यता के इस कंक्रीट के जंगल में जीवंत कर दिया है. पर्वत-बाला का मासूम बचपन और ममता लुटाती हुई माँ ! इन दोनों शब्द-चित्रों की प्रशंसा के लिए तो मेरे पास पर्याप्त शब्द नहीं हैं. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-60732498393345878702018-06-17T21:28:48.700+05:302018-06-17T21:28:48.700+05:30आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ...आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' १८ जून २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /><br /><br /> टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br /><br /><br />आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति मेरा समर्पण है। सादर 'एकलव्य' <br /><br /> निमंत्रण <br /><br />विशेष : 'सोमवार' १८ जून २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक के लेखक परिचय श्रृंखला में आपका परिचय आदरणीया 'शशि' पुरवार जी से करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9176111020869779708.post-6775817396295917162018-06-17T11:48:13.638+05:302018-06-17T11:48:13.638+05:30बहुत ताकतवर कविताएं हैं। जीवन का नया मुहावरा गढ़ती...बहुत ताकतवर कविताएं हैं। जीवन का नया मुहावरा गढ़ती महसूस हो रहीं हैं। नदी और पहाड़ के रिश्ते को मानवीय संदर्भ में महसूस करना मेरी अपनी अभिरुचियों में शामिल हैं। स्त्री पर अलग ढंग से बात की गई है।<br />बधाई कवियित्री को।संजीव जैनhttps://www.blogger.com/profile/14714062154925010187noreply@blogger.com