शरद कोकास |
जबसे अभिनेता
इरफ़ान खान के निधन का समाचार सुना है मन बहुत विचलित है । यूँ तो कभी किसी की
मृत्यु पर कविता नहीं लिखता मैं लेकिन फेसबुक पर जब इरफ़ान की तस्वीर के साथ
श्रद्धांजलि लिखना चाहा तो कुछ शब्द अपने आप पंक्तियों में बंट गये । आप उचित
समझें तो इन्हें कविता कह सकते हैं। - शरद कोकास
1.
इरफ़ान
- एक
उसकी आंखें
कभी तो बहुत बड़ी लगती थी
और कभी बहुत छोटी
जब वह बोलता था
तो कान
विशिष्ट अंदाज़ में कहे गये
उसके संवाद सुनते
और आंखें उसकी आंखें देखती
जैसे वह जुबान से कम
और आंखों से अधिक बोलता हो
अब न कभी वह आँखें खुलेंगी
ना कभी उसकी जुबान से
वे शब्द निकलेंगे
हम अपनी आंखों से
दीवार पर टंगी उसकी तस्वीर देखेंगे
और कानों से वे संवाद सुनेंगे
जिन्हें कहने से पहले ही
वह मौन हो गया ।
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2.
इरफ़ान
- दो
उसकी बड़ी बड़ी आंखों में
हमेशा लाल डोरे तैरते रहते थे
ऐसा लगता था जैसे वह
बरसों से वह सोया नहीं है
पता नहीं किसने उससे कह दिया
कि अपनी नींद तो पूरी कर लो
और वह सोने चला गया
नींद पूरी करने के बहाने ।
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3.
इरफ़ान
- तीन
'माँ के पाँवों के नीचे जन्नत होती है'
पता नहीं इस उक्ति में उसे
यकीन था या नहीं
लेकिन वह अपनी अम्मी से
इतना प्यार करता था
कि बगैर उसके
एक कदम भी नहीं चल सकता था
जैसे ही वह उंगली छुड़ाकर आगे जाती
यह भी उसके पीछे पीछे भागता
अभी परसों ही तो वह
अपनी उंगली छुड़ाकर
बेटे से आगे चली गई
बेटे को भी कहाँ चैन था
वह भी चला गया
उसकी उंगली पकड़ने के लिए ।
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4.
इरफ़ान - चार
तुमने तो मुझे डरा ही दिया था
जब तुमने कहा था
कि तुम्हें एक भयानक बीमारी है
जैसे कि रात में सांप का नाम नहीं लेते
तुम भी उस बीमारी का नाम
नहीं लेना चाहते थे
शायद तुम किसी को
भयभीत नहीं करना चाहते थे
तुमने मृत्यु के दरवाजे पर जाकर
उसे परास्त किया
ख़ारिज कर दीं
अंद्धे विश्वासों से भरी तमाम अर्जियाँ
फिर ऐसा कैसे हुआ
जब तुमने उसका नाम नहीं लिया
क्यों तुम उसकी भेंट चढ़ गये
लौट आओ दोस्त
हम भी अब कभी उस बीमारी का नाम
अपनी ज़ुबान पर नहीं लायेंगे।
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आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 30 एप्रिल 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअद्भुत शब्दान्जली मन के पोर पोर को भिंगोती!😢
जवाब देंहटाएंइरफान पर आपकी यह कविताएँ अभी पढ़ी भैया ! बहुत ही मार्मिक कविता है ! हम सभी के प्रिय कलाकार थे और एक बेहतर इंसान भी !आपकी यहाँ स्वतःस्फूर्त सिरजी कविताओं में आपकी संवेदना की भाषा अपनी गहराई के चलते हमे रुला गई !
जवाब देंहटाएंअपूर्व श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंअंतर्मन से उपजी गहरी संवेदना को पिरो कर जीवंत चलचित्र प्रस्तुत कर दिया आपने,
हार्दिक श्रद्धा सुमन!
विनम्र श्रद्धांजलि महान अभिनेता को!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन
बहुत ही अच्छे इंसान थे इरफ़ान और एक नायाब फनकार थे ! ईश्वर उन्हें जन्नत बख्शे और उनकी अम्मी से मिला दे ! बहुत ही खूबसूरत रचनाएं ! इस महान कलाकार को भावभीनी श्रद्धांजलि !
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