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कविताऍं
मूल कन्नड़: प्रो.एस.जी सिद्दरामय्य
हिन्दी अनुवाद: डॉ.एन.देवराज
शून्य नाद
ज्ञान और चिह्न रूपी
गर्भ मूल को ढूँढते
आगे बढ़ा जोगी
राह भटके जंगल में
तरई खंदकों में
सूर्य-चन्द्र को भूल गया
बहते पानी तक
शैवाल शिला पर कदम रख
मिट्टी का गंध भूल गया
पानी के उतरने की लीला
तन में भोगकर मन से भोगकर
वाणी रंग को ही भूल गया
बहाव की खूबी में पड़कर
भुलाये बात को निगलकर
मौन फलीभूत हुआ
अस्थि नास्थि हो गया
नास्थि सर्वस्व हो गया
आँख की चोट का यह शून्य नाद
०००
चित्र रमेश आनंद
आशा
तिराहे के घर के लिए
मना करने वाली ने
अब गाँव भर ढूँढा घर के लिए
यूँही बिना प्रयास के
सब कुछ अपनाने की चिंता
ऐरावत के मिलने पर भी अंधा गधा!*
थाली का गरम खाना न खाकर
मिष्टान्न की चाह की जलन से
सुख तो स्वप्न मरीचिका है
भरोसा जब तक न बनता धरती की बात
तब तक मुँहबोले रिश्तों की कहीं जगह नहीं
सबब की शृंखला से बचने का जाल बुने तो
गले का फँदा बनने से चूकता नहीं
भरोसे के पीछे भागो तो
अविश्वासों का भ्रम
पाताल की ओर खींचने से
तुच्छता के भाव में चिल्लाने की आवाज़
चाह के बल पर
साधना के फावड़े से
खोदें तो अन्न, जितना भी निकालो पानी
परन्तु प्यास!
* अंधा गधा: मूर्ख
अनुवादक का परिचय:
डॉ.एन.देवराज:-
उपलब्धियाँ:- दो कविता संकलन (कन्नड भाषा में), दो आलोचना (हिन्दी से अनूदित), तीन उपन्यास (हिन्दी से अनूदित) , एक नाटक (कन्नड से अनूदित), बीस से अधिक कहानियों का अनुवाद (कन्नड और हिन्दी भाषा में, तीस से ज्याद कन्नड के प्रसिद्ध कविताओं का अनुवाद आकाशवाणी, बेंगलूर के लिए( कन्नड और हिन्दी भाषा में) पाँच से ज्यादा हिन्दी एकांकी और निबन्धों का अनुवाद, डॉ. बाबू जगजीवनराम अध्ययन और संशोधन केन्द्र, मैसूर विश्ववदियालय , मैसूर के लिए श्रीमति इन्द्राणी देवी जी द्वारा संकलित बाबू जगजीवनराम जी के भाषणों का अनुवाद, दस से अधिक शरण साहित्य से संबंधित लेखों का अनुवाद आकाशवाणी बेंगलूर केन्द्र के लिए तीन सौ से ज्यादा हिन्दी पाठ, दस से ज्यादा भाषण आदि प्रमुख हैं। अपनी सुदीर्घ साहित्य-साधना के लिए अनेक सम्मानों से विभूषित किए गए जिनमें आकाशवाणी से अनुवाद के लिए ‘राष्ट्रीय पुरस्कार‘, जंगल तंत्रम उपन्यास के अनुवाद के लिए बेंगलूरु विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग से ‘लाल बहादूर शास्त्री‘ अनुवाद पुरस्कार, कर्नाटक रक्षणा वेदिके बेंगलूरु से ‘कुवेम्पु स्मारक साहित्य रत्न‘ पुरस्कार, ज्ञानद होम्बेलकु संस्था से ‘सावित्री बाई फुले‘ पुरस्कार, राष्ट्रीय चेतना परिवार ‘गुरु द्रोणाचार्य‘ पुरस्कार प्राप्त हैं।
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