09 दिसंबर, 2017

 विलियम बटलर येट्स की कवितायें 
अनुवाद ; सरिता शर्मा 
विलियम बटलर रेट्स


 विलियम बटलर येट्स का जन्म 13 जून, 1865 को, डबलिन, आयरलैंड में हुआ था। उनका बचपन काउंटी स्लाइगो और लंदन में बीता था। वह अपनी शिक्षा और चित्रकला का अध्ययन जारी रखने के लिए पंद्रह साल की उम्र में डबलिन लौट  आए, लेकिन जल्दी ही उन्होंने कविता को प्राथमिकता दी। येट्स ने सेल्टिक पुनरुद्धार में रूचि ली तथा उनके लेखन में आयरिश पौराणिक कथाओं और लोककथाओं के प्रभाव के साथ-साथ रहस्य-भावना, प्रतीक योजना और संगीत की प्रधानता है। इसके अलावा उनकी कविता पर एक शक्तिशाली प्रभाव आयरिश क्रांतिकारी मॉड गोन है मॉड गोन भावुक राष्ट्रवादी राजनीति और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। मॉड गोन ने येट्स द्वारा बार-बार किये गए प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा कर जॉन मैकाब्राइड के साथ विवाह कर लिया और येट्स से अलग हो गयी थी। येट्स ने भी जोर्जी हाइड लीस से शादी की थी, फिर भी मॉड गोन उनकी कविता में प्रमुख प्रेरणा बनी रही थी।

येट्स आयरलैंड में राजनीति में गहराई से जुड़े हुए थे। आयरलैंड के इंग्लैंड से स्वतंत्र हो जाने के बावजूद, येट्स की कविताओं में उनके देश की राजनीतिक स्थिति के बारे में बढ़ता हुआ निराशावाद परिलक्षित होता हैवह दो बार आयरिश सीनेटर रहेवह लेडी ग्रेगरी, एडवर्ड मार्टिन और दूसरों के साथ आयरिश साहित्यिक पुनरुद्धार के पीछे एक प्रेरणा शक्ति थी। उन्हें महत्वपूर्ण सांस्कृतिक नेता और एक प्रमुख नाटककार के रूप में याद किया जाता है। वह डबलिन में प्रमुख ऐबे थियेटर के संस्थापकों में से एक और अंग्रेजी के प्रतिनिधि कवि थे उनके प्रमुख नाटक काऊंटेस कैथलीन, कैथलीन नी हौलिहान, दि ड्रीमिंग ऑफ़ दि बोन्स, दि ऑवर ग्लास, दि ग्रीन हेलमेट, मोसादा, पॉट ऑफ़ बरोथ, दि किंग्स थ्रेशहोल्ड, दि लैंड ऑफ़ हार्ट्स डिजायर हैं कविता संकलन, दि टावर, दि वाइंडिंग स्टेयर एंड अदर पोयम्स और ईस्टर 1916 हैं कहानी संकलन दि सेल्टिक ट्वीलाईट: फेयरी एंड अदर फोक टेल्स ऑफ़ आयरलैंड और स्टोरीज ऑफ़ रेड हैनराहन: विद दि सीक्रेट रोज एंड रोजा एल्केमिका हैं येट्स को 1923 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1939 में उनका निधन हो गया था।
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कविताएं 

 पत्तों का गिरना
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हमें जिन लंबे पत्तों से प्यार है, उन पर
और जौ के ढेरों में चूहों के ऊपर शरद ऋतु छा गयी है;
हमारे ऊपर रोवन के पेड़ों के पत्ते पीले हैं,
और गीले जंगली स्ट्रॉबेरी के पत्ते भी पीले हैं ।
प्यार के घटने का समय आ गया है,
और हमारी उदास आत्मायें अब थकी हुई और निढाल हैं;
हम अलग हो जाएं, एक चुंबन और तुम्हारे चिंतित ललाट पर आंसू के साथ
इससे पहले कि जुनून का मौसम हमें भूल जाये।


 सैली बागान  में
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सैली बागान  में मेरा प्यार और मैं मिले;
वह सैली स्नोवाइट जैसे पैरों से सैली बागान से गुजरी।
उसने मुझे प्यार को हल्के से लेने को कहा, जैसे पेड़ पर पत्ते उगते हैं;
लेकिन मैंने, जो युवा और मूर्ख था, उसकी बात नहीं मानी।
नदी किनारे मैदान में मेरा प्यार और मैं मिल कर खड़े थे,
और उसने मेरे झुके कंधे पर अपना स्नोवाइट हाथ रखा।
उसने मुझे जीवन को हल्के से लेने को कहा, जैसे घास मेड़ पर उगती है;
लेकिन मैं युवा और मूर्ख था, और अब आँसू बहाता हूँ।

 इनिस्फ्री की लेक आइल
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 मैं अब उठ कर इनिस्फ्री जाऊंगा,
और वहां मिट्टी और बेंत का एक छोटा सा झोंपड़ा बनाऊंगा;
वहां मैं सेम की नौ  क्यारियां और मधुमक्खी के लिए एक छत्ता बनाऊंगा,
और  मैं मधुमक्खी के शोर वाली पेड़ों से खाली जगह में अकेला रहूँगा।

और मुझे वहां  कुछ शांति मिलेगी, क्योंकि शांति धीमे से उतरती है,
सुबह का पर्दा गिराने से उतरती है जहां झींगुर गाते हैं;
वहां पूरी आधी  रात जगमगाती है, और दोपहर बैंगनी चमकयुक्त है,
और शाम लिनेट के पंखों से भरी है।

मैं अब उठ कर जाऊंगा, क्योंकि रात -दिन हमेशा
मैं किनारे से टकराते हुए झील के पानी की धीमी आवाजों को सुनता हूँ;
जब मैं  सड़क, या धूसर फुटपाथ पर खड़ा हूँ,
मैं  इसे दिल की गहराई में सुनता हूँ।

 बूढ़े पेंशनभोगी का विलाप
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 हालांकि मैं बारिश से अपना बचाव करता हूँ
एक टूटे हुए पेड़ के नीचे,
उस हर मंडली में
जिसने प्यार या राजनीति पर बात की थी,
मेरी कुर्सी आग के सबसे पास थी
इससे पहले कि समय मुझे बदल डालता।
हालांकि लड़के फिर से बरछे बना रहे हैं
किसी साजिश के लिए,
और उन्मादी दुष्ट मानव उत्पीड़न पर
अपना रोष प्रकट करते हैं 
मैं उस समय पर चिंतन करता हूँ
जिसने मुझे बदल डाला।
कोई औरत ऐसी नहीं जिसने टूटे हुए पेड़ को
मुड़ कर न देखा हो,

और फिर भी जिन सुंदरियों से मैंने प्यार किया
वे मेरी स्मृति में हैं;
मैं लानत भेजता हूँ समय के चेहरे पर
जिसने मुझे बदल डाला है।


बाईजेंटियम के लिए नौकायन
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वह देश बूढ़े लोगों के लिए नहीं है। नौजवान
एक दूसरे की बाहों में, पेड़ों पर पक्षी,
वे  मरणशील पीढ़ियां – गीत गा रही हैं,
सामन-झरने, मैकेरल से भरे समुद्र,
मछली, मांस, या पक्षी, गर्मी का मौसम-सब कहते हैं
जो भी प्रजात है, उसने जन्म लिया, और मर जाता है।
कामुक संगीत से मोहित हो कर सब उपेक्षा करते हैं
कालातीत ज्ञान के स्मारकों की।

    II 

बूढ़ा आदमी एकदम मामूली चीज होता है,
छड़ी पर टंगे फटे कोट सा, जब तक कि
आत्मा ताली बजा कर नाचती और जोर से गाना नहीं गाती है
अपनी नश्वर पोशाक में लगे हर पैबंद के लिए,
गायन स्कूल नहीं जाना बल्कि देखना है
अपनी ही भव्यता के स्मारकों को;
और इसलिए मैं समुद्र के लिए निकल पड़ा और पहुंचा हूँ  
बाईजेंटियम के पवित्र शहर में।


   III 
आह परमेश्वर की पावन अग्नि में खड़े हुए ज्ञानी
दीवार पर सोने की पच्चीकारी की तरह,
एक चक्र में जड़े  पवित्र अग्नि से आओ,
और मेरी आत्मा के गायन- गुरु बन जाओ।
इच्छा करने से बीमार हुए और
एक मरते हुए जानवर से बंधे मेरे हृदय को नष्ट कर दो
यह नहीं जानता कि यह क्या है; और मुझे
अनंत काल की कौशल में समेट लो।


IV

एक बार प्रकृति से बाहर जाने के बाद मैं कभी धारण नहीं करूंगा
किसी भी प्राकृतिक वस्तु से अपना शारीरिक चोला,
बल्कि ऐसा रूप होगा जो यूनानी सुनार गढ़ते हैं
अंकित सोने और सोने की मीनाकारी का
किसी ऊंघते हुए सम्राट को जगाये रखने के लिए;
या फिर एक स्वर्ण शाखा पर बैठ जाऊंगा गाना के लिए
बाईजेंटियम  के लॉर्ड्स और महिलाओं के लिए यह बताने के लिए
क्या अतीत था, क्या चल रहा है, या आने वाला है।



 गोधूलि में
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थके समय में थका हुआ दिल,
गलत और सही के जाल को तोड़ो;
दिल, फिर से हँसो धुंधली सांझ में,
दिल, फिर से आह भरो, सुबह की ओस में।
तुम्हारी मातृभूमि आयरलैंड हमेशा जवान है,
ओस हमेशा चमकती है और गोधूलि धूसर है;
हालांकि आप निराश हो रहे हैं और प्यार घट रहा है,
मिथ्यावादी जीभ की आग में जलते हुए।
 दिल, यहां आओ, जहां पहाड़ियां ही पहाड़ियां हैं:
क्योंकि वहां गूढ़ भाईचारे के लिए


सूर्य और चंद्रमा और कंदरा और वन
और नदी और धारा अपनी इच्छा से चलते हैं;
और परमेश्वर अपने एकमात्र सींग को घुमाते हुए खड़ा है,
और समय और दुनिया हमेशा उड़ रहे हैं;
और प्रेम धूसर सांझ जितना दयालु नहीं है,
और उम्मीद सुबह की ओस जितनी प्रिय नहीं है।


कवि अपनी प्रेयसी से कहता है
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मैं विनीत हाथों से लाया हूँ तुम्हारे लिए
अपने अगणित सपनों की किताबें,
श्वेत औरत जिसे जुनून ने थका दिया
जैसे ज्वार घिस देता है कबूतर से भूरे बालू को,
और सींग से ज्यादा पुराने दिल के साथ
जो समय की मद्धिम आग से भरा  है:
असंख्य सपनों वाली श्वेत औरत,
मैं तुम्हारे लिए अपनी भावुक कवितायें लाया हूँ।


वह अलौकिक वस्त्रों की कामना करता है
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अगर मेरे पास स्वर्ग के बूटेदार वस्त्र होते,
सोने और चांदी के प्रकाश से बने हुए,
नीले और हल्के और गहरे रंग के वस्त्र
रात और प्रकाश और आधे प्रकाश के,
मैं वे वस्त्र तुम्हारे पैरों तले बिछा देता:
मगर, गरीब होने के कारण, मेरे पास बस मेरे सपने हैं;
मैंने अपने सपने तुम्हारे पैरों तले बिछा दिए हैं;
धीमे चलो क्योंकि तुम मेरे सपनों पर चल रही

बूढ़े लोग खुद को पानी में देख खुश होते हैं
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 मैंने बूढ़े, बहुत बूढ़े लोगों को यह कहते हुए सुना है
"सब कुछ बदल जाता है,
और एक- एक करके हम मरते जाते हैं।"
उनके हाथ पंजों जैसे थे, और उनके घुटने
पुराने झाड़ों की तरह मुड़े हुए थे
पानी के किनारे।
मैंने बूढ़े, बहुत बूढ़े लोगों को यह कहते हुए सुना है
"जो भी सुंदर है वह बह जाता है
पानी के तरह।"

अरे बहुत लम्बे समय तक प्यार नहीं करते
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अरे, बहुत लंबे समय तक प्यार नहीं करते:
मैंने बहुत लंबे समय तक प्यार किया,
और प्रचलन में नहीं रहा
किसी पुराने गीत की तरह।
हमारी जवानी के सब वर्षों में  
दोनों में से कोई भेद भी नहीं कर सकता था
एक दूसरे की सोच में,
हम इतने समान थे।
लेकिन हाय, वह पल भर में बदल गई
अरे, बहुत लंबे समय तक प्यार नहीं करते,
वर्ना प्रचलन में नहीं रहोगे 
किसी पुराने गीत की तरह।


दूसरा ट्रॉय नहीं
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मैं उसे क्यों दोष दूँ कि उसने मेरे जीवन को
दुख से भर दिया, या इसलिए कि उसने हाल ही में
अज्ञानी लोगों को सबसे हिंसक तरीके सिखा दिये हैं,
या वर्ग संघर्ष शुरू कर दिया।
क्या उन लोगों में उनकी इच्छा जितना साहस था?
वह उस मन के साथ कैसे शांत रह सकती थी
जिसे कुलीनता ने  आग सा विनाशक बना दिया,
तने धनुष जैसा घातक सौंदर्य,
विरला है जो इस युग में,
कुलीन और एकाकी और सबसे निर्मम होने के चलते?
कहो, भला वह और कर भी क्या सकती थी?
क्या उसके लिए जलाने को एक और ट्रॉय था?


शांति
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ओह, काल उस रूप को कैसे छू सका
जो दिखा सकता था कि होमर का काल  
नायक के मेहनताने के लिए क्या उगाता था
"क्या उसका पूरा जीवन सिर्फ तूफान नहीं था
क्या चित्रकार इतने सुन्दर रूप
का चित्र नहीं बनायेंगे, मैंने कहा,
"इतना भद्र उन्नत सिर,
आकर्षण के बावजूद इतनी सख्ती,
ताकत के साथ –साथ इतनी मिठास?"
ओह, मगर बहुत बाद में वह शांत हो गयी,
जब समय ने उसके रूप को छू दिया था।




सरिता शर्मा 






परिचय 

 12  अगस्त 1964 को हरियाणा में भिवानी में जन्मी सरिता शर्मा ने अंग्रेजी और हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर तथा पत्रकारिताफ्रेंचक्रिएटिव राइटिंग और फिक्शन राइटिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया पांच वर्ष तक नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया में सम्पादकीय सहायक के पद पर और बीस वर्ष तक राज्य सभा सचिवालय में  कार्य करने के बाद नवम्बर 2014 में सहायक निदेशक के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति कविता संकलन सूनेपन से संघर्षकहानी संकलन वैक्यूम’, आत्मकथात्मक उपन्यास ‘जीने के लिए’ और रस्किन बांड की दो पुस्तकों स्ट्रेंज पीपलस्ट्रेंज प्लेसिज’ और क्राइम स्टोरीज’ का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। अनेक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में कहानियांकवितायेंसमीक्षाएंयात्रा वृत्तान्त और विश्व साहित्य से कहानियोंकविताओं और नोबेल भाषणों का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। कहानी वैक्यूम’ पर रेडियो नाटक प्रसारित किया गया और एफएमगोल्ड के तस्वीर’ कार्यक्रम के लिए दस स्क्रिप्ट्स लिखी
संपर्क:  137, सेक्टर-  1, आई एम टी मानेसरगुरुग्राम-122001. हरियाणामोबाइल-9871948430.


ईमेलsarita12aug@hotmail.com



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