बिजूका
05 अगस्त, 2025

हरे प्रकाश उपाध्याय की कविताएँ

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चट न लो फ़ैसला ----------------------- आज शाम जाकर मिला दोस्त शिवराज से अरसे से इधर फोन पर लगते थे नाराज़ से दुआ-सलाम इधर-उधर की बात कहने लगे ...
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31 जुलाई, 2025

चित्रा पंवार की कविताऍं

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 1. तुम्हारे साथ तुम्हारे साथ  शहर ज़्यादा चमकीले और खूबसूरत थे  शांत गाँवों को देखकर महसूस हुआ  जैसे ध्यानमुद्रा में बैठे बुद्ध मुस्कुरा रह...
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25 जुलाई, 2025

वंदना पाराशर की कविताऍं

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1.   नयापन से उकताहट         एक दिन नयापन से भी उकताहट होने लगेगी रोशनी की चकाचौंध से तंग आकर कहीं एकान्त को तलाशते हुए लोग चांदनी रात को या...
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पंद्रह कोड़े

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  अनवर इकबाल    1977 की सैनिक क्रान्ति के बाद जब ज़िया उल हक़ पाकिस्तान में सत्ता में आए तो मैं एक अख़बार में ट्रेनी पत्राकार था। तब से अब तक ...
16 जुलाई, 2025

कहानी - पहाड़ सिंह

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  लिअनीद अन्द्रयेइफ़ 21 अगस्त 1871 को ज़ारशाही रूस में एक भूमिनापक के परिवार में जन्म। रूसी साहित्य के रजत युग के प्रतिनिधि लेखक। कहानी, नाटक ...
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