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सत्यनारायण पटेल हमारे समय के चर्चित कथाकार हैं जो गहरी नज़र से युगीन विडंबनाओं की पड़ताल करते हुए पाठक से समय में हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं। प्रेमचंद-रेणु की परंपरा के सुयोग्य उत्तराधिकारी के रूप में वे ग्रामांचल के दुख-दर्द, सपनों और महत्वाकांक्षाओं के रग-रेशे को भलीभांति पहचानते हैं। भूमंडलीकरण की लहर पर सवार समय ने मूल्यों और प्राथमिकताओं में भरपूर परिवर्तन करते हुए व्यक्ति को जिस अनुपात में स्वार्थांध और असंवेदनशील बनाया है, उसी अनुपात में सत्यनारायण पटेल कथा-ज़मीन पर अधिक से अधिक जुझारु और संघर्षशील होते गए हैं। कहने को 'गांव भीतर गांव' उनका पहला उपन्यास है, लेकिन दलित महिला झब्बू के जरिए जिस गंभीरता और निरासक्त आवेग के साथ उन्होंने व्यक्ति और समाज के पतन और उत्थान की क्रमिक कथा कही है, वह एक साथ राजनीति और व्यवस्था के विघटनशील चरित्र को कठघरे में खींच लाते हैं। : रोहिणी अग्रवाल

30 सितंबर, 2024

विलियम बटलर येट्स की कविताएं:- पहली कड़ी


पत्तों का गिरना

हमें जिन लंबे पत्तों से प्यार है, उन पर 

और जौ के ढेरों में चूहों के ऊपर शरद ऋतु छा गयी है;

हमारे ऊपर रोवन के पेड़ों के पत्ते पीले हैं,

और गीले जंगली स्ट्रॉबेरी के पत्ते भी पीले हैं ।

प्यार के घटने का समय आ गया है,

और हमारी उदास आत्मायें अब थकी हुई और निढाल हैं;

हम अलग हो जाएं, एक चुंबन और तुम्हारे चिंतित ललाट पर आंसू के साथ

इससे पहले कि जुनून का मौसम हमें भूल जाये। 

०००











सैली बागान  में 


सैली बागान  में मेरा प्यार और मैं मिले;

वह सैली स्नोवाइट जैसे पैरों से सैली बागान से गुजरी।

उसने मुझे प्यार को हल्के से लेने को कहा, जैसे पेड़ पर पत्ते उगते हैं;

लेकिन मैंने, जो युवा और मूर्ख था, उसकी बात नहीं मानी।

नदी किनारे मैदान में मेरा प्यार और मैं मिल कर खड़े थे,

और उसने मेरे झुके कंधे पर अपना स्नोवाइट हाथ रखा।

उसने मुझे जीवन को हल्के से लेने को कहा, जैसे घास मेड़ पर उगती है;

लेकिन मैं युवा और मूर्ख था, और अब आँसू बहाता हूँ।

०००


इनिस्फ्री की लेक आइल


मैं अब उठ कर इनिस्फ्री जाऊंगा,

और वहाॅं मिट्टी और बेंत का एक छोटा सा झोंपड़ा बनाऊंगा;

वहां मैं सेम की नौ  क्यारियाॅं और मधुमक्खी के लिए एक छत्ता बनाऊंगा,

और  मैं मधुमक्खी के शोर वाली पेड़ों से खाली जगह में अकेला रहूँगा।


और मुझे वहां  कुछ शांति मिलेगी, 

क्योंकि शांति धीमे से उतरती है,

सुबह का पर्दा गिराने से उतरती है जहां झींगुर गाते हैं;

वहां पूरी आधी  रात जगमगाती है, 

और दोपहर बैंगनी चमकयुक्त है,

और शाम लिनेट के पंखों से भरी है।

 

मैं अब उठ कर जाऊंगा, क्योंकि रात -दिन हमेशा

मैं किनारे से टकराते हुए झील के पानी की धीमी आवाजों को सुनता हूँ;

जब मैं  सड़क, या धूसर फुटपाथ पर खड़ा हूँ,

मैं  इसे दिल की गहराई में सुनता हूँ।

०००


बूढ़े पेंशनभोगी का विलाप


हालांकि मैं बारिश से अपना बचाव करता हूँ 

एक टूटे हुए पेड़ के नीचे,

उस हर मंडली में

जिसने प्यार या राजनीति पर बात की थी, 

मेरी कुर्सी आग के सबसे पास थी 

इससे पहले कि समय मुझे बदल डालता।

हालांकि लड़के फिर से बरछे बना रहे हैं

किसी साजिश के लिए,

और उन्मादी दुष्ट मानव उत्पीड़न पर

अपना रोष प्रकट करते हैं  

मैं उस समय पर चिंतन करता हूँ 

जिसने मुझे बदल डाला।

कोई औरत ऐसी नहीं जिसने टूटे हुए पेड़ को 

मुड़ कर न देखा हो,

और फिर भी जिन सुंदरियों से मैंने प्यार किया 

वे मेरी स्मृति में हैं;

मैं लानत भेजता हूँ समय के चेहरे पर 

जिसने मुझे बदल डाला है।

०००

कवि का परिचय 

विलियम बटलर येट्स का जन्म 13 जून, 1865 को, डबलिन, आयरलैंड में हुआ था। उनका बचपन काउंटी स्लाइगो और लंदन में बीता था। वह अपनी शिक्षा और चित्रकला का अध्ययन जारी रखने के लिए पंद्रह साल की उम्र में डबलिन लौट  आए, लेकिन

जल्दी ही उन्होंने कविता को प्राथमिकता दी। येट्स ने सेल्टिक पुनरुद्धार में रूचि ली तथा उनके लेखन में आयरिश पौराणिक कथाओं और लोककथाओं के प्रभाव के साथ-साथ रहस्य-भावना, प्रतीक योजना और संगीत की प्रधानता है। इसके अलावा उनकी कविता पर एक शक्तिशाली प्रभाव आयरिश क्रांतिकारी मॉड गोन है। मॉड गोन भावुक राष्ट्रवादी राजनीति और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। मॉड गोन ने येट्स द्वारा बार-बार किये गए प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा कर जॉन मैकाब्राइड के साथ विवाह कर लिया और येट्स से अलग हो गयी थी। येट्स ने भी जोर्जी हाइड लीस से शादी की थी, फिर भी मॉड गोन उनकी कविता में प्रमुख प्रेरणा बनी रही थी।


येट्स आयरलैंड में राजनीति में गहराई से जुड़े हुए थे। आयरलैंड के इंग्लैंड से स्वतंत्र हो जाने के बावजूद, येट्स की कविताओं में उनके देश की राजनीतिक स्थिति के बारे में बढ़ता हुआ निराशावाद परिलक्षित होता है। वह दो बार आयरिश सीनेटर रहे। वह लेडी ग्रेगरी, एडवर्ड मार्टिन और दूसरों के साथ आयरिश साहित्यिक पुनरुद्धार के पीछे एक प्रेरणा शक्ति थी। उन्हें महत्वपूर्ण सांस्कृतिक नेता और एक प्रमुख नाटककार के रूप में याद किया जाता है। वह डबलिन में प्रमुख ऐबे थियेटर के संस्थापकों में से एक और अंग्रेजी के प्रतिनिधि कवि थे। उनके प्रमुख नाटक काऊंटेस कैथलीन, कैथलीन नी हौलिहान, दि ड्रीमिंग ऑफ़ दि बोन्स, दि ऑवर ग्लास, दि ग्रीन हेलमेट, मोसादा, पॉट ऑफ़ बरोथ, दि किंग्स थ्रेशहोल्ड, दि लैंड ऑफ़ हार्ट्स डिजायर हैं। कविता संकलन, दि टावर, दि वाइंडिंग स्टेयर एंड अदर पोयम्स और ईस्टर 1916 हैं। कहानी संकलन दि सेल्टिक ट्वीलाईट: फेयरी एंड अदर फोक टेल्स ऑफ़ आयरलैंड और स्टोरीज ऑफ़ रेड हैनराहन: विद दि सीक्रेट रोज एंड रोजा एल्केमिका हैं। येट्स को 1923 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1939 में उनका निधन हो गया था।

०००


अनूवादिका का परिचय 

सरिता शर्मा

12  अगस्त 1964 को हरियाणा में भिवानी में जन्मी सरिता शर्मा ने अंग्रेजी और हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर तथा पत्रकारिता, फ्रेंच, क्रिएटिव राइटिंग और फिक्शन राइटिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया। पांच वर्ष तक नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया में सम्पादकीय हायक के

पद पर और बीस वर्ष तक राज्य सभा सचिवालय में  कार्य करने के बाद नवम्बर 2014 में सहायक निदेशक के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति। कविता संकलन ‘सूनेपन से संघर्ष, कहानी संकलन ‘वैक्यूम’, आत्मकथात्मक उपन्यास ‘जीने के लिए’ और रस्किन बांड की दो पुस्तकों ‘स्ट्रेंज पीपल, स्ट्रेंज प्लेसिज’ और ‘क्राइम स्टोरीज’ का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। अनेक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में कहानियां, कवितायें, समीक्षाएं, यात्रा वृत्तान्त और विश्व साहित्य से कहानियों, कविताओं और नोबेल भाषणों का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। कहानी ‘वैक्यूम’ पर रेडियो नाटक प्रसारित किया गया और एफ. एम. गोल्ड के ‘तस्वीर’ कार्यक्रम के लिए दस स्क्रिप्ट्स लिखी।

संपर्क:  137, सेक्टर-  1, आई एम टी मानेसर, गुरुग्राम-122001. हरियाणा. मोबाइल-9871948430.

ईमेल: sarita12aug@hotmail.com

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