अनुवाद:- सरिता शर्मा
एडगर ऐलन पो का जन्म बोस्टन में 19 जनवरी 1809 को हुआ था। वह अमरीकी रोमांसवाद के कवि, लेखक, संपादक और आलोचक थे। वह अपनी रहस्यमयी और भयावह कहानियों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने जासूसी कहानियों की शुरुआत की
और वैज्ञानिक कथाओं की शैली को भी बढ़ावा दिया। इनकी पहली रचना तैमरलेन एण्ड अदर पोयम्स प्रकाशित हुई जिसमें उनके नाम की जगह ए बोस्टनियन’ लिखा था। पो की कविता द रेवन बहुत प्रसिद्ध हुई। पो की शैली को 'गोथिक' कहा जाता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में मृत्यु, मृत्यु के चिह्न, जीवित दफ़नाना, मृत्योपरांत जीवन और शोक इत्यादि विषयों पर लिखा है। उन्होंने अपनी खुद की पत्रिका "द पेन" प्रकाशित करने की तैयारी शुरू की, लेकिन इसके प्रकाशित होने से पहले ही 7 अक्तूबर 1849 को उनकी मृत्यु हो गई।कविताऍं
एकाकी
मैं बचपन से नहीं हूँ
औरों जैसा, मेरा नजरिया नहीं रहा
दूसरे की तरह, न ही मुझे आवेग मिले
समान सोते से; मेरे दु:खों का
उद्गम था सबसे अलग; मेरे हृदय में नहीं जागा
आनंद समान धुनों से;
और जिनसे भी मैंने प्यार किया, अकेले मैंने प्यार किया।
फिर- मेरे बचपन में,
प्रचंड जीवन की भोर में- मैंने पाया
हर अच्छाई और बुराई की गहराई से
एक रहस्य जो अब भी जकड़ता है मुझे; झाड़ी या फव्वारे से,
पर्वत की लाल चोटी से,
सूरज से जिसने मुझे लपेटा
अपने सुनहरे रंग की शरद आभा में,
आकाश में उड़ती, पास से
गुजरती बिजली से
गरज और तूफान से,
और उस बादल से जिसने रूप धरा
मेरे विचार से दानव का।
(बाकी स्वर्ग का रंग नीला था जब)।
०००
सांध्य तारा
गर्मियों की दोपहर थी,
और आधी रात का समय;
और तारे अपनी कक्षाओं में,
चमकते थे पीले से
उज्जवल, शीतल चाँद की चाँदनी में,
जो था अपने दास ग्रहों के बीच,
स्वयं आकाश में,
लहरों पर थी उसकी किरणें।
मैंने ताका कुछ पल
उसकी सर्द मुस्कान को;
उदासीन, बहुत ही भावहीन लगी मुझे
उधर से गुजरा कफन जैसा
एक लोमश बादल,
और मैं मुड़ा तुम्हारी ओर,
गर्वीले सांध्य तारे,
तुम्हारी सुदूर महिमा में
और तुम्हारी किरणें ज्यादा प्रिय होंगी;
क्योंकि मेरे दिल की खुशी
गर्वीला हिस्सा है तुम जिसे
रात को आकाश में वहन करते हो,
मैं और भी सराहता हूँ
तुम्हारी दूरस्थ आग को,
उस ठंडी अधम चाँदनी से बढ़ कर।
०००
मेरी माँ के लिए
क्योंकि मुझे लगता है कि, ऊपर स्वर्ग में,
आपस में फुसफुसाते स्वर्गदूत,
नहीं पा सकते, उनके प्यार के प्रज्वलित शब्दों के बीच,
'माँ' जितना कोई अनुरागी शब्द
इसलिए आपको उस प्यारे नाम से मैंने बहुत पहले पुकारा था-
आप जो मेरी माँ से बढ़ कर हैं मेरे लिए
और मेरे अंतरतम को भर देती हैं, जहां मृत्यु ने स्थापित कर दिया आपको
मेरी वर्जीनिया की आत्मा को मुक्त करने हेतु।
मेरी माँ -मेरी अपनी माँ, जिनकी मृत्यु जल्दी हो गयी,
सिर्फ मेरी माँ थी ; मगर आप,
उसकी माँ थी जिससे मैंने बेहद प्रेम किया
और इस तरह ज्यादा प्रिय हैं उस माँ से जिसे मैं जानता था
उस अनंतता के चलते जिससे मेरी पत्नी
प्रिय थी मेरी आत्मा को उसकी अपनी आत्मा- जीवन से कहीं ज्यादा।
०००
अनुवादिका का परिचय
सरिता शर्मा (जन्म- 1964) ने अंग्रेजी और हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर तथा अनुवाद, पत्रकारिता, फ्रेंच, क्रिएटिव राइटिंग और फिक्शन राइटिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया। पांच वर्ष तक नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया में
सम्पादकीय सहायक के पद पर कार्य किया। बीस वर्ष तक राज्य सभा सचिवालय में कार्य करने के बाद नवम्बर 2014 में सहायक निदेशक के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति। कविता संकलन ‘सूनेपन से संघर्ष, कहानी संकलन ‘वैक्यूम’, आत्मकथात्मक उपन्यास ‘जीने के लिए’ और पिताजी की जीवनी 'जीवन जो जिया' प्रकाशित। रस्किन बांड की दो पुस्तकों ‘स्ट्रेंज पीपल, स्ट्रेंज प्लेसिज’ और ‘क्राइम स्टोरीज’, 'लिटल प्रिंस', 'विश्व की श्रेष्ठ कविताएं', ‘महान लेखकों के दुर्लभ विचार’ और ‘विश्वविख्यात लेखकों की 11 कहानियां’ का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। अनेक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में कहानियां, कवितायें, समीक्षाएं, यात्रा वृत्तान्त और विश्व साहित्य से कहानियों, कविताओं और साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साक्षात्कारों का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। कहानी ‘वैक्यूम’ पर रेडियो नाटक प्रसारित किया गया और एफ. एम. गोल्ड के ‘तस्वीर’ कार्यक्रम के लिए दस स्क्रिप्ट्स तैयार की।संपर्क: मकान नंबर 137, सेक्टर- 1, आई एम टी मानेसर, गुरुग्राम, हरियाणा- 122051. मोबाइल-9871948430.
ईमेल: sarita12aug@hotmail.com
सांध्य तारा सुंदर कविता का सुंदर अनुवाद
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