स्कूली बच्चों के बीच
मैं लंबे चौड़े स्कूली कमरे में पूछताछ करता हुआ चल रहा हूँ;
सफेद कनटोप पहने एक नम्र नन जवाब दे रही है;
बच्चे हिसाब लगाना और गाना सीख रहे हैं
पुस्तकें पढ़ने और इतिहास जानने के लिए अध्ययन कर रहे हैं,
कपड़े काटना और सीना, हर चीज में सफाई रखना
सर्वाधिक आधुनिक तरीके से - बच्चों की आंखें
क्षणिक आश्चर्य में निहारती हैं
II
साठ साल का आम आदमी होने पर भी।
मैं बुझती आग के सामने झुकी
लेडा जैसी आकृति और उसकी सुनाये
फटकार या ऐसी ही किसी मामूली घटना
के किस्से कहानी का सपना देखता हूँ
जिसने बच्चों के खेल को त्रासदी में बदल दिया -
लग रहा था, हमारे दो स्वभावों का मेल
युवा सहानुभूति से एक गोले में
वर्ना, प्लेटो की दृष्टान्त में फेर बदल करें तो
खोल की जर्दी और सफेदी में हो गया था।
III
और मैं उस दु:ख या क्रोध आवेश के बारे में सोचते हुए
वहां इस-उस बच्चे को देखता हूँ
और हैरान हूँ कि वह उस उम्र में इतनी स्थिर थी-
यहां तक कि हेलन की भी हो सकती है
हर आम आदमी जैसी तकदीर-
और उस जैसा गाल या बालों का रंग,
और फिर मेरा मन कल्पना में डूब जाता है:
वह मेरे सामने जिन्दा बच्ची के रूप में खड़ी है।
IV
उसकी वर्तमान छवि मन में तैरती है -
क्या इटली के कलाकार की उंगली ने उसे बनाया था
खोखले गाल ने मानो हवा पी ली हो
और मांस की जगह जैसे सायों को मिला दिया हो?
और हालांकि मैं कभी बेहद खूबसूरत नहीं था,
कभी मैं भी आकर्षक हुआ करता था– बहुत हुआ
बेहतर है कि उस मुस्कान पर मुस्कुराया जाये, और दिखाया जाये
कि एक आरामदायक सा बिजूका है।
V
कैसी युवा मां ने, गोद में एक आकृति लिए हुए
पीढ़ी के विश्वास को धोखा दिया था,
और जिसे बचने के लिए सोना, चीखना, संघर्ष करना चाहिए
जैसा कि स्मरणशक्ति या दवा तय करे,
क्या उसने उस आकृति को देखा होगा
क्या उसने सोचा होगा कि उसका बेटा,
साठ साल या उससे ज्यादा उम्र का होगा,
या उसके जीवन की अनिश्चितता
उसके बेटे के जन्म की वेदना का इनाम है?
VI
प्लेटो ने प्रकृति को सिर्फ फेन माना
चीजों पर आत्मिक प्रतिमान बताया;
सैनिक अरस्तू कंचे खेला करता था
अपने गुरू के मार्गदर्शन में;
विश्व-प्रसिद्ध महान गुणों से युक्त पाइथागोरस
छूता था वायलिन की छड़ी या उसके तारों को
प्रसिद्ध कलाकार के गाने को लापरवाह वाग्देवी ने सुना:
पक्षी को डराने के लिए पुरानी छड़ियों पर टंगे पुराने वस्त्र।
VII
नन और मातायें- दोनों छवियों की पूजा करती हैं,
लेकिन उन मोमबत्ती की रोशनी ऐसी नहीं है
जो माँ के सपनों को सजीव कर दे,
बल्कि संगमरमर या कांस्य को अरामदायक बनाती है।
और फिर भी वे भी दिल को तोड़ देती हैं – वे आकृतियां
जो जुनून, शील या स्नेह और
स्वर्गीय शोभा के सब प्रतीकों को जानती हैं-
वे मनुष्य के उद्यम की स्वयंजनित उपहासक हैं;
VIII
श्रम वहां खिल या नाच रहा है जहां
शरीर को आत्मा की खुशी के लिए कुचला नहीं जाता है।
न ही सुंदरता उसकी ही निराशा से उपजी है,
न ही रात भर की मेहनत से धुंधली आंखों वाला ज्ञान मिलता है।
अरे गहरी जड़ों वाले शाहबलूत के हरे- भरे पेड़,
तुम पत्ती हो, बौर हो या तना हो?
अरे संगीत की धुन पर झूमते, आशान्वित दृष्टिपात,
नृत्य से नर्तकी हम कैसे भिन्न कर सकते हैं?
०००
आन ग्रेगरी के लिए
"कभी कोई जवान आदमी,
निराश नहीं होगा
तुम्हारे कान पर फैले हुए
उन शहद के रंग के घेरों के कारण
वह तुम्हें सिर्फ तुम्हारी वजह से नहीं
बल्कि तुम्हारे सुनहरी बालों के कारण प्यार करेगा।"
"लेकिन मैं बाल रंगवा सकती हूँ
और ऐसे रंग करवा दूंगी
भूरा, काला, या गाजरी,
जिससे निराश युवा पुरुष
मुझे सिर्फ मेरे लिए प्यार करेंगे
और मेरे सुनहरी बालों को नहीं।"
"मेरी प्रिय, मैंने धार्मिक बुजुर्ग को
कल रात ही यह कहते सुना
कि उसे एक ग्रन्थ मिला था
जिससे साबित होता है कि सिर्फ भगवान,
तुम्हें प्यार कर सकते हैं तुम्हारे गुणों के लिए
न कि तुम्हारे सुनहरी बालों को। "
०००
स्विफ्ट का स्मृति लेख
स्विफ्ट अपने अंतिम विश्राम के लिए चल दिया है;
वहां भीषण आक्रोश
उसकी छाती को फाड़ नहीं कर सकता है।
तुम उसकी नकल करने की हिम्मत तो करके दिखाओ,
उस यात्री पर विश्व फ़िदा था; उसने
मानव की आजादी के लिए काम किया।
०००
मोहिनी चटर्जी
मैंने पूछा कि क्या मुझे प्रार्थना करनी चाहिए।
लेकिन ब्राह्मण ने कहा,
"प्रार्थना में कुछ मत मांगो,
हर रात सोने से पहले यह कहो,
'मैं राजा बना हूँ,
मैं गुलाम बना हूँ,
ऐसा कुछ भी नहीं है।
मूर्ख, बदमाश, धूर्त,
जो मैं नहीं रहा हूँ,
और फिर भी बेशुमार सिर
मेरे सीने से लगे हैं।''
ताकि वह किसी लड़के के अशांत दिनों को
चिंतामुक्त कर सके
मोहिनी चटर्जी ने
इन, या इस तरह के शब्दों में कहा था,
मैं टिप्पणी में बताता हूँ,
"फिर भी हो सकता है पुराने प्रेमियों ने
हमेशा इससे इनकार कर दिया हो-
कब्रें ही कब्रें हैं
जिससे वे अंधियारी पृथ्वी पर
संतुष्ट हो सकें -
पुराने सैनिकों की परेड,
अनेक जन्म हुए हैं
ताकि इस तरह की गोलाबारी
समय को दूर भगा सके,
जन्म और मृत्यु के समय मिल जाते हैं,
या, जैसा कि महान संतों का कहना है,
मनुष्य अमर पैरों से नृत्य करते हैं।
०००
वृद्धावस्था में झगड़े
उसकी मिठास कहां चली गयी थी?
इस अंधे कटु शहर में,
कट्टरपंथियों क्या ईजाद करते हैं
कल्पना या घटना
जो सोचने के लायक नहीं है,
उन्होंने उसे क्रोधित कर दिया।
मैंने काफी कुछ माफ कर दिया था
जिसे बुढ़ापे ने माफ कर दिया था।
जो जी चुके हैं वे सब मौजूद रहते हैं;
इतना निश्चित है;
बूढ़े संतों को धोखा नहीं दिया गया:
पर्दे के पीछे से कहीं न कहीं
विकृत दिनों में से
सिर्फ वह बात याद रहती है
जो इन आंखों के सामने चमकी
जिस पर निशाना साधा गया, वसंत की तरह कुचला गया।
०००
चर्च और राष्ट्र
कवि यहां नया मामला है,
बुजुर्गों की बैठक होने लायक मामला है;
चर्च और राष्ट्र की ताकत,
उनकी भीड़ को उनके पैरों के नीचे कुचल देती है
आह मगर दिल की मय शुद्ध रहेगी,
मन की रोटी मीठी हो जायेगी।
वे कायरतापूर्ण गीत थे
सपने में और अधिक मत भटको;
क्या हुआ यदि चर्च और राष्ट्र
ही वह भीड़ हो जो दरवाजे पर चिल्ला रही है!
अंत में शराब गाढ़ी हो जायेगी,
रोटी का स्वाद खट्टा हो जायेगा।
०००
परिचय
विलियम बटलर येट्स का जन्म 13 जून, 1865 को, डबलिन, आयरलैंड में हुआ था। उनका बचपन काउंटी स्लाइगो और लंदन में बीता था। वह अपनी शिक्षा और चित्रकला का अध्ययन जारी रखने के लिए पंद्रह साल की उम्र में डबलिन लौट आए, लेकिन जल्दी ही उन्होंने कविता को प्राथमिकता दी। येट्स ने सेल्टिक पुनरुद्धार में रूचि ली तथा उनके लेखन में आयरिश पौराणिक
कथाओं और लोककथाओं के प्रभाव के साथ-साथ रहस्य-भावना, प्रतीक योजना और संगीत की प्रधानता है। इसके अलावा उनकी कविता पर एक शक्तिशाली प्रभाव आयरिश क्रांतिकारी मॉड गोन है। मॉड गोन भावुक राष्ट्रवादी राजनीति और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। मॉड गोन ने येट्स द्वारा बार-बार किये गए प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा कर जॉन मैकाब्राइड के साथ विवाह कर लिया और येट्स से अलग हो गयी थी। येट्स ने भी जोर्जी हाइड लीस से शादी की थी, फिर भी मॉड गोन उनकी कविता में प्रमुख प्रेरणा बनी रही थी।येट्स आयरलैंड में राजनीति में गहराई से जुड़े हुए थे। आयरलैंड के इंग्लैंड से स्वतंत्र हो जाने के बावजूद, येट्स की कविताओं में उनके देश की राजनीतिक स्थिति के बारे में बढ़ता हुआ निराशावाद परिलक्षित होता है। वह दो बार आयरिश सीनेटर रहे। वह लेडी ग्रेगरी, एडवर्ड मार्टिन और दूसरों के साथ आयरिश साहित्यिक पुनरुद्धार के पीछे एक प्रेरणा शक्ति थी। उन्हें महत्वपूर्ण सांस्कृतिक नेता और एक प्रमुख नाटककार के रूप में याद किया जाता है। वह डबलिन में प्रमुख ऐबे थियेटर के संस्थापकों में से एक और अंग्रेजी के प्रतिनिधि कवि थे। उनके प्रमुख नाटक काऊंटेस कैथलीन, कैथलीन नी हौलिहान, दि ड्रीमिंग ऑफ़ दि बोन्स, दि ऑवर ग्लास, दि ग्रीन हेलमेट, मोसादा, पॉट ऑफ़ बरोथ, दि किंग्स थ्रेशहोल्ड, दि लैंड ऑफ़ हार्ट्स डिजायर हैं। कविता संकलन, दि टावर, दि वाइंडिंग स्टेयर एंड अदर पोयम्स और ईस्टर 1916 हैं। कहानी संकलन दि सेल्टिक ट्वीलाईट: फेयरी एंड अदर फोक टेल्स ऑफ़ आयरलैंड और स्टोरीज ऑफ़ रेड हैनराहन: विद दि सीक्रेट रोज एंड रोजा एल्केमिका हैं। येट्स को 1923 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1939 में उनका निधन हो गया था।०००
अनूवादिका का परिचय
सरिता शर्मा (जन्म- 1964) ने अंग्रेजी और हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर तथा अनुवाद, पत्रकारिता, फ्रेंच, क्रिएटिव राइटिंग और फिक्शन राइटिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया। पांच वर्ष तक नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया में सम्पादकीय सहायक के पद पर
कार्य किया। बीस वर्ष तक राज्य सभा सचिवालय में कार्य करने के बाद नवम्बर 2014 में सहायक निदेशक के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति। कविता संकलन ‘सूनेपन से संघर्ष, कहानी संकलन ‘वैक्यूम’, आत्मकथात्मक उपन्यास ‘जीने के लिए’ और पिताजी की जीवनी 'जीवन जो जिया' प्रकाशित। रस्किन बांड की दो पुस्तकों ‘स्ट्रेंज पीपल, स्ट्रेंज प्लेसिज’ और ‘क्राइम स्टोरीज’, 'लिटल प्रिंस', 'विश्व की श्रेष्ठ कविताएं', ‘महान लेखकों के दुर्लभ विचार’ और ‘विश्वविख्यात लेखकों की 11 कहानियां’ का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। अनेक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में कहानियां, कवितायें, समीक्षाएं, यात्रा वृत्तान्त और विश्व साहित्य से कहानियों, कविताओं और साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साक्षात्कारों का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। कहानी ‘वैक्यूम’ पर रेडियो नाटक प्रसारित किया गया और एफ. एम. गोल्ड के ‘तस्वीर’ कार्यक्रम के लिए दस स्क्रिप्ट्स तैयार की।संपर्क: मकान नंबर 137, सेक्टर- 1, आई एम टी मानेसर, गुरुग्राम, हरियाणा- 122051. मोबाइल-9871948430.
ईमेल: sarita12aug@hotmail.com
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