image

सत्यनारायण पटेल हमारे समय के चर्चित कथाकार हैं जो गहरी नज़र से युगीन विडंबनाओं की पड़ताल करते हुए पाठक से समय में हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं। प्रेमचंद-रेणु की परंपरा के सुयोग्य उत्तराधिकारी के रूप में वे ग्रामांचल के दुख-दर्द, सपनों और महत्वाकांक्षाओं के रग-रेशे को भलीभांति पहचानते हैं। भूमंडलीकरण की लहर पर सवार समय ने मूल्यों और प्राथमिकताओं में भरपूर परिवर्तन करते हुए व्यक्ति को जिस अनुपात में स्वार्थांध और असंवेदनशील बनाया है, उसी अनुपात में सत्यनारायण पटेल कथा-ज़मीन पर अधिक से अधिक जुझारु और संघर्षशील होते गए हैं। कहने को 'गांव भीतर गांव' उनका पहला उपन्यास है, लेकिन दलित महिला झब्बू के जरिए जिस गंभीरता और निरासक्त आवेग के साथ उन्होंने व्यक्ति और समाज के पतन और उत्थान की क्रमिक कथा कही है, वह एक साथ राजनीति और व्यवस्था के विघटनशील चरित्र को कठघरे में खींच लाते हैं। : रोहिणी अग्रवाल

03 अक्टूबर, 2024

विलियम बटलर येट्स की कविताएं:- चौथी कड़ी


एक आयरिश विमान चालक का मृत्यु-दर्शन 










मुझे पता है मैं मिलूंगा अपने भाग्य से 

ऊपर कहीं बादलों में,

जिनसे मैं लड़ता हूँ उनसे नफरत नहीं करता,

जिनकी रक्षा करता हूँ उनसे प्यार नहीं करता;

मेरा प्रान्त किल्टार्टन क्रॉस है

मेरे देशवासी हैं किल्टार्टन के गरीब लोग;

कोई भी परिणाम उन्हें नुकसान नहीं पहुँचा सकता था,

न ही उन्हें पहले से ज्यादा खुश कर सकता था।

न ही कानून, और न ही कर्तव्य ने मुझसे कहा लड़ने को,

न ही जन नायकों ने, और न ही जयकार करती भीड़ ने,

खुशी के एक आवेग ने  

पहुंचा दिया बादलों में इस कोलाहल में;

मैंने सबको तोला, सबके बारे में सोचा

आने वाले वर्ष सांस की बर्बादी लग रहे थे,

बीते हुए वर्ष भी सांस की बर्बादी थे

तराजू में इस जीवन के साथ, मौत रखी है।

०००


दुबारा आगमन   


बड़े होते आवर्त्त में गोल-गोल चक्कर काटता बाज

अपने मालिक को सुन नहीं सकता;

सब चीजें बिखर रही हैं, केंद्र के वश के बाहर;

केवल अराजकता छा गयी है दुनिया में,

रक्तरंजित ज्वार भाटा छोड़ दिया गया है, और हर जगह 

भोलेपन की रस्म खत्म हो गयी है; 

अच्छे लोगों में दृढ़ विश्वास की कमी है, जबकि बुरे लोग

जोशीले  उन्माद में भरे हैं.

जरूर कोई पर्दाफ़ाश होने वाला है;

अवश्य दूसरा अवतार आने वाला है।

दूसरी बार अवतार! ये शब्द मुंह से निकलते ही 

सामूहिक स्मृति से निकली विशाल छवि

मेरी नजरों को परेशान कर देती है: रेगिस्तान की रेत में कहीं;

शेर के शरीर और इंसानी सिर की आकृति;

भावशून्य और सूरज जैसी निर्मम टकटकी 

अपनी मंद जंघाओं से आगे बढ़ रहा है, जबकि इसके आस-पास 

रेगिस्तानी के क्रोधित परिंदों की छायाएं गोल-गोल घूम रही हैं.

अँधेरा फिर से छा जाता है मगर अब मैं जानता हूँ

बीस शताब्दियों की पथरीली नींद 

हिचकोले खाते पालने के दुस्वप्नों से संतप्त है,

और कैसा बर्बर नरपशु, अंततः जिसका समय आ गया है ,

बेढब चाल से जन्म लेने हेतु बेथलेहम की ओर बढ़ रहा है?

०००












मेरी बेटी के लिए एक प्रार्थना


एक बार फिर तूफान गरज रहा है, और आधा छिपा है 

इस पालने के छत्र और पलंगपोश के नीचे

मेरी बेटी सो रही है। कोई बाधा नहीं है

लेकिन ग्रेगरी का जंगल और एक खाली पहाड़ी

जिससे अटलांटिक पर उगाये घास के ढेर और 

छत को समतल करने वाली हवा को रोका जा सकता है;

और मेरे मन पर छाये गहरे अवसाद के कारण 

मैंने घंटे भर तक चलते हुए प्रार्थना की है।

मैंने घंटे भर चलते हुए इस छोटी बच्ची के लिए प्रार्थना की है

और समुद्री हवा को बुर्ज के ऊपर 

और पुल के मेहराबों के नीचे चिंघाड़ते हुए 

और प्लावित धारा के ऊपर एल्म के पेड़ों में चीखते हुए सुना;

उत्साहित दिवास्वप्न में कल्पना करते हुए 

समुद्र की जानलेवा मासूमियत से निकल कर 

उन्मादी ढोल की धुन पर नृत्य करते हुए, 

भविष्य के साल आ गये थे।

उसे सुंदरता मिले और फिर भी ऐसा सौंदर्य न मिले 

जो उद्विग्न कर दे किसी अजनबी की आंखों को,

या दर्पण के सामने उसकी आंखों को, क्योंकि,

इतनी ज्यादा सुंदर होने से,

सुंदरता को ही सब कुछ मान ले,

और हो सकता है वह स्वाभाविक दया और 

दिल के भाव प्रकट करने वाली अंतरंगता खो दे

जो सही को चुनता है, और कभी कोई दोस्त नहीं ढूंढ पाता है।

श्रेष्ठ हेलेन का जीवन सपाट और नीरस था  

और बाद में एक मूर्ख ने उसे मुसीबत में डाल दिया,

जबकि समुद्र से निकली वह महान रानी, 

पितृहीन होने के नाते अपनी मर्जी से जीवन जी सकती थी  

पर उसने टेढ़ी टांगों वाले देवताओं के लुहार को पति चुना।

निश्चित रूप से जीवनसाथी के मामले में 

सुंदर महिलाओं की पसंद अजीबोगरीब होती है  

जिससे सौभाग्य खत्म हो जाता है।

मैं चाहता हूँ मुख्य रूप से वह शिष्टाचार सीखे;

दिल उपहार में नहीं मिलते बल्कि उन्हें

जीतते हैं वे लोग जो सिर्फ सुंदर ही नहीं हैं;

फिर भी कई ऐसे हैं जिन्होंने केवल सौन्दर्य के लिए 

मसखरे की भूमिका निभाई है

सुंदरता के आकर्षण ने उन्हें बुद्धिमान बना दिया है।

और कोई गरीब आदमी जो भटकता रहा,

जिसने प्रेम किया और खुद को प्रेमी जाना,

उसकी नजरों में हर्षित दयालुता सर्वोपरि है.

वह फलने-फूलने वाले प्रच्छन पेड़ की भांति हो 

उसके सभी विचार लिनेट पक्षी की तरह उड़ें,

और जिनका काम बस 

अपनी आवाज की नेकी को फैलाना हो,

इच्छाओं का पीछा मजाक में करे,

झगड़ा भी विनोद में किया जाये।

वह हरे लॉरेल की तरह रह सके 

सदा एक मनचाही जगह में बसी हुई।

मेरा मन, चूंकि मैंने जिन दिलों से प्यार किया है,

जिस तरह की सुंदरता को मैंने मंजूरी दी है,

ज्यादा सुखी नहीं रहती, हाल ही में शुष्क हो गयी ,

फिर भी जानती है कि नफरत के साथ दम घुट जाना  

सबसे बुरी बात हो सकती है।

अगर मन में कोई घृणा न हो 

हवा का हमला और प्रहार 

लिनेट को पत्ती से कभी अलग नहीं कर सकते।

बौद्धिक घृणा सबसे खराब है,

तो उसे सोचने दो कि राय शापित हैं।

क्या मैंने अभिजात्य घराने में पैदा होने वाली

सबसे प्यारी औरत को नहीं देखा है,

जिसने उसके स्वच्छंद मन के कारण 

उस संपन्नता और शांत स्वभाव द्वारा समझी  

जाने वाली उस हर अच्छी चीज का सौदा किया   

क्रोधी हवा से भरी पुरानी धौंकनी से?

उसके कारण सारी घृणा उपजी,

आत्मा उग्र मासूमियत फिर से पाती है 

और अंत में सीखती है कि वह अपने में प्रसन्न 

स्वयं में तुष्ट और खुद को डराने वाली है,

और उसकी खुद की सदिच्छा स्वर्ग की इच्छा है;

वह खुश रह सकती है 

चाहे हर चेहरा नाराज हो  

और हर तूफानी दिशा चीख़ रही हो 

या हरेक धौंकनी गड़गड़ाये।

और उसे उसका दूल्हा ऐसे घर में ले कर जाये

जहां सब कुछ परिचित, वैधिक हो;

क्योंकि अहंकार और घृणा ऐसे सामान हैं

जिन्हें रास्ते में बेचा जाता है।

मगर मासूमियत और सुन्दरता का जन्म 

सिर्फ परिपाटियों और संस्कार में होता है?

समारोह समृद्धि का नाम है,

और रीति-रिवाज लॉरेल पेड़ को फ़ैलाने के लिए।

०००


युद्ध के समय में एक विचार 


जब मैं धमनी की एक धड़कन के लिए,

हवा से टूटे बूढ़े पेड़ के नीचे,

बूढ़े भूरे पत्थर पर बैठ गया था 

मैं जानता था कि ईश्वर चेतन है

मानव जाति उसकी निर्जीव कल्पना।

०००

सभी चित्र फेसबुक से साभार 

०००


कवि का परिचय 


विलियम बटलर येट्स का जन्म 13 जून, 1865 को, डबलिन, आयरलैंड में हुआ था। उनका बचपन काउंटी स्लाइगो और लंदन में बीता था। वह अपनी शिक्षा और चित्रकला का अध्ययन जारी रखने के लिए पंद्रह साल की उम्र में डबलिन लौट  आए, लेकिन जल्दी ही उन्होंने कविता को प्राथमिकता दी। येट्स ने सेल्टिक पुनरुद्धार में रूचि ली तथा उनके लेखन में आयरिश पौराणिक कथाओं और लोककथाओं के प्रभाव के साथ-साथ रहस्य-भावना, प्रतीक योजना और संगीत की प्रधानता है। इसके अलावा उनकी कविता पर एक शक्तिशाली प्रभाव आयरिश क्रांतिकारी मॉड गोन है। मॉड गोन भावुक राष्ट्रवादी राजनीति और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। मॉड गोन ने येट्स द्वारा बार-बार किये गए प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा कर जॉन मैकाब्राइड के साथ विवाह कर लिया और येट्स से अलग हो गयी थी। येट्स ने भी जोर्जी हाइड लीस से शादी की थी, फिर भी मॉड गोन उनकी कविता में प्रमुख प्रेरणा बनी रही थी।

येट्स आयरलैंड में राजनीति में गहराई से जुड़े हुए थे। आयरलैंड के इंग्लैंड से स्वतंत्र हो जाने के बावजूद, येट्स की कविताओं में

उनके देश की राजनीतिक स्थिति के बारे में बढ़ता हुआ निराशावाद परिलक्षित होता है। वह दो बार आयरिश सीनेटर रहे। वह लेडी ग्रेगरी, एडवर्ड मार्टिन और दूसरों के साथ आयरिश साहित्यिक पुनरुद्धार के पीछे एक प्रेरणा शक्ति थी। उन्हें महत्वपूर्ण सांस्कृतिक नेता और एक प्रमुख नाटककार के रूप में याद किया जाता है। वह डबलिन में प्रमुख ऐबे थियेटर के संस्थापकों में से एक और अंग्रेजी के प्रतिनिधि कवि थे। उनके प्रमुख नाटक काऊंटेस कैथलीन, कैथलीन नी हौलिहान, दि ड्रीमिंग ऑफ़ दि बोन्स, दि ऑवर ग्लास, दि ग्रीन हेलमेट, मोसादा, पॉट ऑफ़ बरोथ, दि किंग्स थ्रेशहोल्ड, दि लैंड ऑफ़ हार्ट्स डिजायर हैं। कविता संकलन, दि टावर, दि वाइंडिंग स्टेयर एंड अदर पोयम्स और ईस्टर 1916 हैं। कहानी संकलन दि सेल्टिक ट्वीलाईट: फेयरी एंड अदर फोक टेल्स ऑफ़ आयरलैंड और स्टोरीज ऑफ़ रेड हैनराहन: विद दि सीक्रेट रोज एंड रोजा एल्केमिका हैं। येट्स को 1923 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1939 में उनका निधन हो गया था।

०००

अनूवादिका का परिचय 


सरिता शर्मा (जन्म- 1964) ने अंग्रेजी और हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर तथा अनुवाद, पत्रकारिता, फ्रेंच, क्रिएटिव राइटिंग और फिक्शन राइटिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया। पांच वर्ष तक नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया में सम्पादकीय सहायक के पद पर कार्य किया। बीस वर्ष तक राज्य सभा सचिवालय में कार्य करने के बाद नवम्बर 2014 में सहायक निदेशक के पद से स्वैच्छिक

सेवानिवृति। कविता संकलन ‘सूनेपन से संघर्ष, कहानी संकलन ‘वैक्यूम’, आत्मकथात्मक उपन्यास ‘जीने के लिए’ और पिताजी की जीवनी 'जीवन जो जिया' प्रकाशित। रस्किन बांड की दो पुस्तकों ‘स्ट्रेंज पीपल, स्ट्रेंज प्लेसिज’ और ‘क्राइम स्टोरीज’, 'लिटल प्रिंस', 'विश्व की श्रेष्ठ कविताएं', ‘महान लेखकों के दुर्लभ विचार’ और ‘विश्वविख्यात लेखकों की 11 कहानियां’  का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। अनेक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में कहानियां, कवितायें, समीक्षाएं, यात्रा वृत्तान्त और विश्व साहित्य से कहानियों, कविताओं और साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साक्षात्कारों का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। कहानी ‘वैक्यूम’  पर रेडियो नाटक प्रसारित किया गया और एफ. एम. गोल्ड के ‘तस्वीर’ कार्यक्रम के लिए दस स्क्रिप्ट्स तैयार की। 

संपर्क:  मकान नंबर 137, सेक्टर- 1, आई एम टी मानेसर, गुरुग्राम, हरियाणा- 122051. मोबाइल-9871948430.

ईमेल: sarita12aug@hotmail.com


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें