स्मृति संकल्प यात्रा चार:
जनता को एकजुट होना ही होगा
कविता कृष्णपल्लवी
स्त्री मुक्ति लीग, नौजवान भारत सभा और बिगुल मज़दूर दस्ता द्वारा भगतसिंह, सुखदेव, व राजगुरु की शहादत दिवस (23 मार्च) की पूर्व संध्या पर आज देहरादून में गाँधी पार्क पर 'स्मृति संकल्प सभा' का आयोजन किया गया|
'स्मृति संकल्प सभा' में मशाल जलाकर शहीदों के विचारों की रौशनी में सभी नौजवानों, नागरिकों, बुद्धिजीवियों ने शपथ लिया कि, आज के फासीवादी दौर में साम्प्रदायिक फासीवादी ताकतों द्वारा देश को जाति, धर्म, रंग, नस्ल, भाषा व राष्ट्रीयता के आधार पर बाँटने की ख़ूनी-मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे| देश में दमित, शोषित-उत्पीड़ित दलितों, स्त्रियों, अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार - दमन को बर्दाश्त नहीं करेंगे| जनता के हकों - अधिकारों को छीनने वाली जन-विरोधी नीतियों की पुरज़ोर मुखालिफ़त करेंगे| मेहनतकश जनता की क्रांतिकारी एकजुटता को बनाये रखने और संगठित करने की हरसंभव कोशिश करेंगे| देशी-विदेशी पूंजी की लूट और अन्याय-उत्पीड़न की बुनियाद पर कायम सामाजिक-राजनितिक-आर्थिक ढांचे के बरक्स, समता, न्याय और मानवीय गरिमा की बुनियाद पर एक नए समाज के निर्माण के लिए जारी संघर्ष में एक सच्चे इन्क़लाबी सिपाही की भूमिका निभायेंगे|
'स्मृति संकल्प सभा' का आयोजन नौजवान भारत सभा, स्त्री मुक्ति लीग और बिगुल मज़दूर दस्ता द्वारा पूरे उत्तराखंड में चलाये जाने वाले 'स्मृति संकल्प यात्रा, उत्तराखंड' अभियान के तीसरे चरण के आखिरी पड़ाव में देहरादून के गाँधी पार्क पर किया गया|
गाँधी पार्क पर 'स्मृति संकल्प सभा' में अपनी बात रखते हुए कार्यक्रम की संयोजिका कविता कृष्णपल्लवी ने कहा कि, आज भगतसिंह को वे ताकतें भी याद कर रही हैं जो उनके विचारों की धुर-विरोधी हैं| प्रतिक्रियावादी ताकतों द्वारा भगतसिंह को याद करना, उन्हें जन मुक्ति संघर्ष के नायक के तौर पर भुला देने और उनके विचारों को जनता तक न पहुँचने देने की मंशा को हमें कामयाब नहीं होने देना है| भगतसिंह ने जाति-धर्म की दीवारों को गिराकर पूरे देश में कौमी-एकता को बनाये रखने का सन्देश दिया था और कहा था कि, जाति, धर्म, मज़हब की लड़ाई मेहनतकशों के मूलभूत अधिकारों को हासिल करने के संघर्ष को हमेशा ही कमज़ोर करती है और शोषकों-लुटेरों की लूट और शोषण को बरकरार रखती है| हमें जाति, धर्म, रंग, नस्ल, भाषा से ऊपर उठकर मेहनतकश जनता की क्रांतिकारी-एकजुटता को बनाना होगा और अपने हक़-अधिकार की लड़ाई को आगे बढाना होगा|
संकल्प सभा को कॉम.बच्ची राम कौंसवाल, अश्विनी त्यागी, राजेश सकलानी, सतीश धौलाखंडी आदि ने भी संबोधित किया|
जनता को एकजुट होना ही होगा
कविता कृष्णपल्लवी
स्त्री मुक्ति लीग, नौजवान भारत सभा और बिगुल मज़दूर दस्ता द्वारा भगतसिंह, सुखदेव, व राजगुरु की शहादत दिवस (23 मार्च) की पूर्व संध्या पर आज देहरादून में गाँधी पार्क पर 'स्मृति संकल्प सभा' का आयोजन किया गया|
'स्मृति संकल्प सभा' में मशाल जलाकर शहीदों के विचारों की रौशनी में सभी नौजवानों, नागरिकों, बुद्धिजीवियों ने शपथ लिया कि, आज के फासीवादी दौर में साम्प्रदायिक फासीवादी ताकतों द्वारा देश को जाति, धर्म, रंग, नस्ल, भाषा व राष्ट्रीयता के आधार पर बाँटने की ख़ूनी-मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे| देश में दमित, शोषित-उत्पीड़ित दलितों, स्त्रियों, अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार - दमन को बर्दाश्त नहीं करेंगे| जनता के हकों - अधिकारों को छीनने वाली जन-विरोधी नीतियों की पुरज़ोर मुखालिफ़त करेंगे| मेहनतकश जनता की क्रांतिकारी एकजुटता को बनाये रखने और संगठित करने की हरसंभव कोशिश करेंगे| देशी-विदेशी पूंजी की लूट और अन्याय-उत्पीड़न की बुनियाद पर कायम सामाजिक-राजनितिक-आर्थिक ढांचे के बरक्स, समता, न्याय और मानवीय गरिमा की बुनियाद पर एक नए समाज के निर्माण के लिए जारी संघर्ष में एक सच्चे इन्क़लाबी सिपाही की भूमिका निभायेंगे|
'स्मृति संकल्प सभा' का आयोजन नौजवान भारत सभा, स्त्री मुक्ति लीग और बिगुल मज़दूर दस्ता द्वारा पूरे उत्तराखंड में चलाये जाने वाले 'स्मृति संकल्प यात्रा, उत्तराखंड' अभियान के तीसरे चरण के आखिरी पड़ाव में देहरादून के गाँधी पार्क पर किया गया|
गाँधी पार्क पर 'स्मृति संकल्प सभा' में अपनी बात रखते हुए कार्यक्रम की संयोजिका कविता कृष्णपल्लवी ने कहा कि, आज भगतसिंह को वे ताकतें भी याद कर रही हैं जो उनके विचारों की धुर-विरोधी हैं| प्रतिक्रियावादी ताकतों द्वारा भगतसिंह को याद करना, उन्हें जन मुक्ति संघर्ष के नायक के तौर पर भुला देने और उनके विचारों को जनता तक न पहुँचने देने की मंशा को हमें कामयाब नहीं होने देना है| भगतसिंह ने जाति-धर्म की दीवारों को गिराकर पूरे देश में कौमी-एकता को बनाये रखने का सन्देश दिया था और कहा था कि, जाति, धर्म, मज़हब की लड़ाई मेहनतकशों के मूलभूत अधिकारों को हासिल करने के संघर्ष को हमेशा ही कमज़ोर करती है और शोषकों-लुटेरों की लूट और शोषण को बरकरार रखती है| हमें जाति, धर्म, रंग, नस्ल, भाषा से ऊपर उठकर मेहनतकश जनता की क्रांतिकारी-एकजुटता को बनाना होगा और अपने हक़-अधिकार की लड़ाई को आगे बढाना होगा|
संकल्प सभा को कॉम.बच्ची राम कौंसवाल, अश्विनी त्यागी, राजेश सकलानी, सतीश धौलाखंडी आदि ने भी संबोधित किया|
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