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सत्यनारायण पटेल हमारे समय के चर्चित कथाकार हैं जो गहरी नज़र से युगीन विडंबनाओं की पड़ताल करते हुए पाठक से समय में हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं। प्रेमचंद-रेणु की परंपरा के सुयोग्य उत्तराधिकारी के रूप में वे ग्रामांचल के दुख-दर्द, सपनों और महत्वाकांक्षाओं के रग-रेशे को भलीभांति पहचानते हैं। भूमंडलीकरण की लहर पर सवार समय ने मूल्यों और प्राथमिकताओं में भरपूर परिवर्तन करते हुए व्यक्ति को जिस अनुपात में स्वार्थांध और असंवेदनशील बनाया है, उसी अनुपात में सत्यनारायण पटेल कथा-ज़मीन पर अधिक से अधिक जुझारु और संघर्षशील होते गए हैं। कहने को 'गांव भीतर गांव' उनका पहला उपन्यास है, लेकिन दलित महिला झब्बू के जरिए जिस गंभीरता और निरासक्त आवेग के साथ उन्होंने व्यक्ति और समाज के पतन और उत्थान की क्रमिक कथा कही है, वह एक साथ राजनीति और व्यवस्था के विघटनशील चरित्र को कठघरे में खींच लाते हैं। : रोहिणी अग्रवाल

02 अक्तूबर, 2024

विलियम बटलर येट्स की कविताएं:- तीसरी कड़ी

 

बूढ़े लोग खुद को पानी में देख खुश होते हैं 


मैंने बूढ़े, बहुत बूढ़े लोगों को यह कहते हुए सुना है 

"सब कुछ बदल जाता है,

और एक- एक करके हम मरते जाते हैं।"

उनके हाथ पंजों जैसे थे, और उनके घुटने 

पुराने झाड़ों की तरह मुड़े हुए थे

पानी के किनारे।

मैंने बूढ़े, बहुत बूढ़े लोगों को यह कहते हुए सुना है 

"जो भी सुंदर है वह बह जाता है 

पानी के तरह।"

०००










अरे बहुत लम्बे समय तक प्यार नहीं करते


अरे, बहुत लंबे समय तक प्यार नहीं करते:

मैंने बहुत लंबे समय तक प्यार किया,

और प्रचलन में नहीं रहा 

किसी पुराने गीत की तरह।

हमारी जवानी के सब वर्षों में  

दोनों में से कोई भेद भी नहीं कर सकता था 

एक दूसरे की सोच में,

हम इतने समान थे।

लेकिन हाय, वह पल भर में बदल गई

अरे, बहुत लंबे समय तक प्यार नहीं करते,

वर्ना प्रचलन में नहीं रहोगे  

किसी पुराने गीत की तरह।

०००



दूसरा ट्रॉय नहीं 


मैं उसे क्यों दोष दूँ कि उसने मेरे जीवन को 

दुख से भर दिया, या इसलिए कि उसने हाल ही में 

अज्ञानी लोग को सबसे हिंसक तरीके सिखा दिये हैं,

या वर्ग संघर्ष शुरू कर दिया।

क्या उन लोग में उनकी इच्छा जितना साहस था?

वह उस मन के साथ कैसे शांत रह सकती थी 

जिसे कुलीनता ने  आग सा विनाशक बना दिया,

तने धनुष जैसा घातक सौंदर्य, 

विरला है जो इस युग में,

कुलीन और एकाकी और सबसे निर्मम होने के चलते?

कहो, भला वह और कर भी क्या सकती थी?

क्या उसके लिए जलाने को एक और ट्रॉय था?

०००


शांति


ओह, काल उस रूप को कैसे छू सका 

जो दिखा सकता था कि होमर का काल  

नायक के मेहनताने के लिए क्या उगाता था 

"क्या उसका पूरा जीवन सिर्फ तूफान नहीं था 

क्या चित्रकार इतने सुन्दर रूप 

का चित्र नहीं बनायेंगे, ” मैंने कहा,

"इतना भद्र उन्नत सिर,

आकर्षण के बावजूद इतनी सख्ती,

ताकत के साथ –साथ इतनी मिठास?"

ओह, मगर बहुत बाद में वह शांत हो गयी,

जब समय ने उसके रूप को छू दिया था।

००० 












समय के साथ बुद्धिमानी आना 


हालांकि पत्ते अनेक  हैं, जड़ एक है;

मेरी जवानी के समूचे झूठ बोलने के दिनों में  

मैंने अपने पत्तों और फूलों को धूप में लहराया;

अब मैं सच स्वीकार करके मुरझा सकता हूँ।

०००



वह रात आई


वह तूफान और संघर्ष में रही,

उसकी आत्मा में इतनी लालसा थी

घमंडी मौत ऐसा क्या कर सकती थी 

जिसे वह सहन नहीं कर सकती थी  

जीवन में सबका भला किया,

लेकिन रही राजा की शान से 

जिसने उसकी शादी के दिन को 

पताकाओं  और झंडियों,

तुरही और  नगाड़ों,

और उपद्रवी तोप से भर दिया,

समय की गठरी बाँधने 

के लिए वह रात आई थी।

०००

सभी चित्र गूगल से साभार 

०००


कवि का परिचय 

विलियम बटलर येट्स का जन्म 13 जून, 1865 को, डबलिन, आयरलैंड में हुआ था। उनका बचपन काउंटी स्लाइगो और लंदन में बीता था। वह अपनी शिक्षा और चित्रकला का अध्ययन जारी रखने के लिए पंद्रह साल की उम्र में डबलिन लौट  आए, लेकिन

जल्दी ही उन्होंने कविता को प्राथमिकता दी। येट्स ने सेल्टिक पुनरुद्धार में रूचि ली तथा उनके लेखन में आयरिश पौराणिक कथाओं और लोककथाओं के प्रभाव के साथ-साथ रहस्य-भावना, प्रतीक योजना और संगीत की प्रधानता है। इसके अलावा उनकी कविता पर एक शक्तिशाली प्रभाव आयरिश क्रांतिकारी मॉड गोन है। मॉड गोन भावुक राष्ट्रवादी राजनीति और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। मॉड गोन ने येट्स द्वारा बार-बार किये गए प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा कर जॉन मैकाब्राइड के साथ विवाह कर लिया और येट्स से अलग हो गयी थी। येट्स ने भी जोर्जी हाइड लीस से शादी की थी, फिर भी मॉड गोन उनकी कविता में प्रमुख प्रेरणा बनी रही थी।

    येट्स आयरलैंड में राजनीति में गहराई से जुड़े हुए थे। आयरलैंड के इंग्लैंड से स्वतंत्र हो जाने के बावजूद, येट्स की कविताओं में उनके देश की राजनीतिक स्थिति के बारे में बढ़ता हुआ निराशावाद परिलक्षित होता है। वह दो बार आयरिश सीनेटर रहे। वह लेडी ग्रेगरी, एडवर्ड मार्टिन और दूसरों के साथ आयरिश साहित्यिक पुनरुद्धार के पीछे एक प्रेरणा शक्ति थी। उन्हें महत्वपूर्ण सांस्कृतिक नेता और एक प्रमुख नाटककार के रूप में याद किया जाता है। वह डबलिन में प्रमुख ऐबे थियेटर के संस्थापकों में से एक और अंग्रेजी के प्रतिनिधि कवि थे। उनके प्रमुख नाटक काऊंटेस कैथलीन, कैथलीन नी हौलिहान, दि ड्रीमिंग ऑफ़ दि बोन्स, दि ऑवर ग्लास, दि ग्रीन हेलमेट, मोसादा, पॉट ऑफ़ बरोथ, दि किंग्स थ्रेशहोल्ड, दि लैंड ऑफ़ हार्ट्स डिजायर हैं। कविता संकलन, दि टावर, दि वाइंडिंग स्टेयर एंड अदर पोयम्स और ईस्टर 1916 हैं। कहानी संकलन दि सेल्टिक ट्वीलाईट: फेयरी एंड अदर फोक टेल्स ऑफ़ आयरलैंड और स्टोरीज ऑफ़ रेड हैनराहन: विद दि सीक्रेट रोज एंड रोजा एल्केमिका हैं। येट्स को 1923 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1939 में उनका निधन हो गया था।

०००


अनूवादिका परिचय 

सरिता शर्मा (जन्म- 1964) ने अंग्रेजी और हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर तथा अनुवाद, पत्रकारिता, फ्रेंच, क्रिएटिव राइटिंग और फिक्शन राइटिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया। पांच वर्ष तक नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया में सम्पादकीय सहायक के पद पर कार्य किया। बीस वर्ष तक राज्य सभा सचिवालय में कार्य करने के बाद नवम्बर 2014 में सहायक निदेशक के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति। कविता संकलन ‘सूनेपन से संघर्ष, कहानी संकलन ‘वैक्यूम’, आत्मकथात्मक उपन्यास ‘जीने के लिए’ और पिताजी की जीवनी 'जीवन जो जिया' प्रकाशित। रस्किन बांड की दो

पुस्तकों ‘स्ट्रेंज पीपल, स्ट्रेंज प्लेसिज’ और ‘क्राइम स्टोरीज’, 'लिटल प्रिंस', 'विश्व की श्रेष्ठ कविताएं', ‘महान लेखकों के दुर्लभ विचार’ और ‘विश्वविख्यात लेखकों की 11 कहानियां’  का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। अनेक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में कहानियां, कवितायें, समीक्षाएं, यात्रा वृत्तान्त और विश्व साहित्य से कहानियों, कविताओं और साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साक्षात्कारों का हिंदी अनुवाद प्रकाशित। कहानी ‘वैक्यूम’  पर रेडियो नाटक प्रसारित किया गया और एफ. एम. गोल्ड के ‘तस्वीर’ कार्यक्रम के लिए दस स्क्रिप्ट्स तैयार की। 

संपर्क:  मकान नंबर 137, सेक्टर- 1, आई एम टी मानेसर, गुरुग्राम, हरियाणा- 122051. मोबाइल-9871948430.

ईमेल: sarita12aug@hotmail.com

2 टिप्‍पणियां:

  1. अनुवाद उम्दा बन पड़े सभी.. विस्तृत टिप्पणी शाम तक... आभार अनुवाद औऱ साझेदारी हेतु

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  2. तीनो कड़ियों में अनुवाद पसंद आया बहुत औऱ कविताओं का सत्व अच्छा निखर आया है.. एक सलाह यह कि अनुवाद संग मूल कविता भी अगर चस्पा करे तो आनंद दुगुना होगा कविता रस अनुभव का औऱ अनुवाद की भाव रस धारा में उपस्थित होने का... साधुवाद बिजूका औऱ अनुवादिका मैम को..

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