विलियम बटलर येट्स की कविताएं
अनुवाद : सरिता शर्मा
विलियम बटलर येट्स का जन्म 13 जून, 1865 को, डबलिन, आयरलैंड में हुआ था। उनका बचपन काउंटी स्लाइगो और लंदन में बीता था। वह अपनी शिक्षा और चित्रकला का अध्ययन जारी रखने के लिए पंद्रह साल की उम्र में डबलिन लौट आए, लेकिन जल्दी ही उन्होंने कविता को प्राथमिकता दी। येट्स ने सेल्टिक पुनरुद्धार में रूचि ली तथा उनके लेखन में आयरिश पौराणिक कथाओं और लोककथाओं के प्रभाव के साथ-साथ रहस्य-भावना, प्रतीक योजना और संगीत की प्रधानता है। इसके अलावा उनकी कविता पर एक शक्तिशाली प्रभाव आयरिश क्रांतिकारी मॉड गोन है। मॉड गोन भावुक राष्ट्रवादी राजनीति और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। मॉड गोन ने येट्स द्वारा बार-बार किये गए प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा कर जॉन मैकाब्राइड के साथ विवाह कर लिया और येट्स से अलग हो गयी थी। येट्स ने भी जोर्जी हाइड लीस से शादी की थी, फिर भी मॉड गोन उनकी कविता में प्रमुख प्रेरणा बनी रही थी।
येट्स आयरलैंड में राजनीति में गहराई से जुड़े हुए थे। आयरलैंड के इंग्लैंड से स्वतंत्र हो जाने के बावजूद, येट्स की कविताओं में उनके देश की राजनीतिक स्थिति के बारे में बढ़ता हुआ निराशावाद परिलक्षित होता है। वह दो बार आयरिश सीनेटर रहे। वह लेडी ग्रेगरी, एडवर्ड मार्टिन और दूसरों के साथ आयरिश साहित्यिक पुनरुद्धार के पीछे एक प्रेरणा शक्ति थी। उन्हें महत्वपूर्ण सांस्कृतिक नेता और एक प्रमुख नाटककार के रूप में याद किया जाता है। वह डबलिन में प्रमुख ऐबे थियेटर के संस्थापकों में से एक और अंग्रेजी के प्रतिनिधि कवि थे। उनके प्रमुख नाटककाऊंटेस कैथलीन, कैथलीन नी हौलिहान, दि ड्रीमिंग ऑफ़ दि बोन्स, दि ऑवर ग्लास, दि ग्रीन हेलमेट, मोसादा, पॉट ऑफ़ बरोथ, दि किंग्स थ्रेशहोल्ड, दि लैंड ऑफ़ हार्ट्स डिजायर हैं। कविता संकलन, दि टावर, दि वाइंडिंग स्टेयर एंड अदर पोयम्स और ईस्टर 1916 हैं। कहानी संकलन दि सेल्टिक ट्वीलाईट: फेयरी एंड अदर फोक टेल्स ऑफ़ आयरलैंड और स्टोरीज ऑफ़ रेड हैनराहन:विद दि सीक्रेट रोज एंड रोजा एल्केमिका हैं। येट्स को 1923 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1939 में उनका निधन हो गया था।
समय के साथ बुद्धिमानी
आना
हालांकि पत्ते अनेक हैं, जड़ एक है;
मेरी जवानी के समूचे झूठ बोलने के दिनों में
मैंने अपने पत्तों और फूलों को धूप में लहराया;
अब मैं सच स्वीकार करके मुरझा सकता हूँ।
वह रात आई
वह तूफान और संघर्ष में रही,
उसकी आत्मा में इतनी लालसा थी
घमंडी मौत ऐसा क्या कर सकती थी
जिसे वह सहन नहीं कर सकती थी
जीवन में सबका भला किया,
लेकिन रही राजा की शान से
जिसने उसकी शादी के दिन को
पताकाओं और झंडियों,
और उपद्रवी तोप से भर दिया,
समय की गठरी बाँधने
के लिए वह रात आई थी।
एक आयरिश
विमान चालक का मृत्यु-दर्शन
मुझे पता है मैं मिलूंगा अपने भाग्य से
ऊपर कहीं बादलों में,
जिनसे मैं लड़ता हूँ उनसे नफरत नहीं करता,
जिनकी रक्षा करता हूँ उनसे प्यार नहीं करता;
मेरा प्रान्त किल्टार्टन क्रॉस है
मेरे देशवासी हैं किल्टार्टन के गरीब लोग;
कोई भी परिणाम उन्हें नुकसान नहीं पहुँचा सकता था,
न ही उन्हें पहले से ज्यादा खुश कर सकता था।
न ही कानून, और न ही कर्तव्य ने मुझसे
कहा लड़ने को,
न ही जन नायकों ने, और न ही जयकार करती भीड़
ने,
खुशी के एक आवेग ने
पहुंचा दिया बादलों में इस कोलाहल में;
मैंने सबको तोला, सबके बारे में सोचा
आने वाले वर्ष सांस की बर्बादी लग रहे थे,
बीते हुए वर्ष भी सांस की बर्बादी थे
तराजू में इस जीवन के साथ, मौत रखी है।
दुबारा आगमन
बड़े होते आवर्त्त में गोल-गोल चक्कर काटता बाज
अपने मालिक को सुन नहीं सकता;
सब चीजें बिखर रही हैं, केंद्र के वश के बाहर;
केवल अराजकता छा गयी है दुनिया में,
अपने मालिक को सुन नहीं सकता;
सब चीजें बिखर रही हैं, केंद्र के वश के बाहर;
केवल अराजकता छा गयी है दुनिया में,
रक्तरंजित ज्वार भाटा छोड़ दिया गया है, और हर जगह
भोलेपन की रस्म खत्म हो गयी है;
अच्छे लोगों में दृढ़ विश्वास की कमी है, जबकि बुरे लोग
भोलेपन की रस्म खत्म हो गयी है;
अच्छे लोगों में दृढ़ विश्वास की कमी है, जबकि बुरे लोग
जोशीले उन्माद में भरे हैं.
जरूर कोई पर्दाफ़ाश होने वाला है;
अवश्य दूसरा अवतार आने वाला है।
दूसरी बार अवतार! ये शब्द मुंह से
निकलते ही
सामूहिक स्मृति से निकली विशाल छवि
मेरी नजरों को परेशान कर देती है: रेगिस्तान की रेत में कहीं;
शेर के शरीर और इंसानी सिर की आकृति;
भावशून्य और सूरज जैसी निर्मम टकटकी
मेरी नजरों को परेशान कर देती है: रेगिस्तान की रेत में कहीं;
शेर के शरीर और इंसानी सिर की आकृति;
भावशून्य और सूरज जैसी निर्मम टकटकी
अपनी मंद जंघाओं से आगे बढ़ रहा है, जबकि इसके आस-पास
रेगिस्तानी के क्रोधित परिंदों की छायाएं गोल-गोल घूम रही हैं.
अँधेरा फिर से छा जाता है मगर अब मैं जानता हूँ
बीस शताब्दियों की पथरीली नींद
हिचकोले खाते पालने के दुस्वप्नों से संतप्त है,
और कैसा बर्बर नरपशु, अंततः जिसका समय आ गया है ,
बेढब चाल से जन्म लेने हेतु बेथलेहम की ओर बढ़ रहा है?
बीस शताब्दियों की पथरीली नींद
हिचकोले खाते पालने के दुस्वप्नों से संतप्त है,
और कैसा बर्बर नरपशु, अंततः जिसका समय आ गया है ,
बेढब चाल से जन्म लेने हेतु बेथलेहम की ओर बढ़ रहा है?
मेरी बेटी के लिए एक
प्रार्थना
एक बार फिर तूफान गरज रहा है, और आधा छिपा है
इस पालने के छत्र और पलंगपोश के नीचे
मेरी बेटी सो रही है। कोई बाधा नहीं है
लेकिन ग्रेगरी का जंगल और एक खाली पहाड़ी
जिससे अटलांटिक पर उगाये घास के ढेर और
छत को समतल करने वाली हवा को रोका जा सकता है;
और मेरे मन पर छाये गहरे अवसाद के कारण
मैंने घंटे भर तक चलते हुए प्रार्थना की है।
मैंने घंटे भर चलते हुए इस छोटी बच्ची के लिए प्रार्थना की
है
और समुद्री हवा को बुर्ज के ऊपर
और पुल के मेहराबों के नीचे चिंघाड़ते हुए
और प्लावित धारा के ऊपर एल्म के पेड़ों में चीखते हुए सुना;
उत्साहित दिवास्वप्न में कल्पना करते हुए
समुद्र की जानलेवा मासूमियत से निकल कर
उन्मादी ढोल की धुन पर नृत्य करते हुए,
भविष्य के साल आ गये थे।
उसे सुंदरता मिले और फिर भी ऐसा सौंदर्य न मिले
जो उद्विग्न कर दे किसी अजनबी की आंखों को,
या दर्पण के सामने उसकी आंखों को, क्योंकि,
इतनी ज्यादा सुंदर होने से,
सुंदरता को ही सब कुछ मान ले,
और हो सकता है वह स्वाभाविक दया और
दिल के भाव प्रकट करने वाली अंतरंगता खो दे
जो सही को चुनता है, और कभी कोई दोस्त नहीं ढूंढ
पाता है।
श्रेष्ठ हेलेन का जीवन सपाट और नीरस था
और बाद में एक मूर्ख ने उसे मुसीबत में डाल दिया,
जबकि समुद्र से निकली वह महान रानी,
पितृहीन होने के नाते अपनी मर्जी से जीवन जी सकती थी
पर उसने टेढ़ी टांगों वाले देवताओं के लुहार को पति चुना।
निश्चित रूप से जीवनसाथी के मामले में
सुंदर महिलाओं की पसंद अजीबोगरीब होती है
जिससे सौभाग्य खत्म हो जाता है।
मैं चाहता हूँ मुख्य रूप से वह शिष्टाचार सीखे;
दिल उपहार में नहीं मिलते बल्कि उन्हें
जीतते हैं वे लोग जो सिर्फ सुंदर ही नहीं हैं;
फिर भी कई ऐसे हैं जिन्होंने केवल सौन्दर्य के लिए
मसखरे की भूमिका निभाई है
सुंदरता के आकर्षण ने उन्हें बुद्धिमान बना दिया
है।
और कोई गरीब आदमी जो भटकता रहा,
जिसने प्रेम किया और खुद को प्रेमी जाना,
उसकी नजरों में हर्षित दयालुता सर्वोपरि है.
वह फलने-फूलने वाले प्रच्छन पेड़ की भांति हो
उसके सभी विचार लिनेट पक्षी की तरह उड़ें,
और जिनका काम बस
अपनी आवाज की नेकी को फैलाना हो,
इच्छाओं का पीछा मजाक में करे,
झगड़ा भी विनोद में किया जाये।
वह हरे लॉरेल की तरह रह सके
सदा एक मनचाही जगह में बसी हुई।
मेरा मन, चूंकि मैंने जिन दिलों से
प्यार किया है,
जिस तरह की सुंदरता को मैंने मंजूरी दी है,
ज्यादा सुखी नहीं रहती, हाल ही में शुष्क हो
गयी ,
फिर भी जानती है कि नफरत के साथ दम घुट जाना
सबसे बुरी बात हो सकती है।
अगर मन में कोई घृणा न हो
हवा का हमला और प्रहार
लिनेट को पत्ती से कभी अलग नहीं कर सकते।
बौद्धिक घृणा सबसे खराब है,
तो उसे सोचने दो कि राय शापित हैं।
क्या मैंने अभिजात्य घराने में पैदा होने वाली
सबसे प्यारी औरत को नहीं देखा है,
जिसने उसके स्वच्छंद मन के कारण
उस संपन्नता और शांत स्वभाव द्वारा समझी
जाने वाली उस हर अच्छी चीज का सौदा किया
क्रोधी हवा से भरी पुरानी धौंकनी से?
उसके कारण सारी घृणा उपजी,
आत्मा उग्र मासूमियत फिर से पाती है
और अंत में सीखती है कि वह अपने में प्रसन्न
स्वयं में तुष्ट और खुद को डराने
वाली है,
और उसकी खुद की सदिच्छा स्वर्ग की इच्छा है;
वह खुश रह सकती है
चाहे हर चेहरा नाराज हो
और हर तूफानी दिशा चीख़ रही हो
या हरेक धौंकनी गड़गड़ाये।
और उसे उसका दूल्हा ऐसे घर में ले कर जाये
जहां सब कुछ परिचित, वैधिक हो;
क्योंकि अहंकार और घृणा ऐसे सामान हैं
जिन्हें रास्ते में बेचा जाता है।
मगर मासूमियत और सुन्दरता का जन्म
सिर्फ परिपाटियों और संस्कार में होता है?
समारोह समृद्धि का नाम है,
और रीति-रिवाज लॉरेल पेड़ को फ़ैलाने के लिए।
युद्ध के समय में एक
विचार
जब मैं धमनी की एक धड़कन के लिए,
हवा से टूटे बूढ़े पेड़ के नीचे,
बूढ़े भूरे पत्थर पर बैठ गया था
मैं जानता था कि ईश्वर चेतन है
मानव जाति उसकी निर्जीव कल्पना।
स्कूली बच्चों के
बीच
मैं लंबे चौड़े स्कूली कमरे में पूछताछ करता हुआ चल रहा हूँ;
सफेद कनटोप पहने एक नम्र नन जवाब दे रही है;
बच्चे हिसाब लगाना और गाना सीख रहे हैं
पुस्तकें पढ़ने और इतिहास जानने के लिए अध्ययन कर रहे हैं,
कपड़े काटना और सीना, हर चीज में सफाई रखना
सर्वाधिक आधुनिक तरीके से - बच्चों की आंखें
क्षणिक आश्चर्य में निहारती हैं
II
साठ साल का आम आदमी होने पर भी।
मैं बुझती आग के सामने झुकी
लेडा जैसी आकृति और उसकी सुनाये
फटकार या ऐसी ही किसी मामूली घटना
के किस्से कहानी का सपना देखता हूँ
जिसने बच्चों के खेल को त्रासदी में बदल दिया -
लग रहा था, हमारे दो स्वभावों का मेल
युवा सहानुभूति से एक गोले में
वर्ना, प्लेटो की दृष्टान्त में
फेर बदल करें तो
खोल की जर्दी और सफेदी में हो गया था।
III
और मैं उस दु:ख या क्रोध आवेश के बारे में सोचते हुए
वहां इस-उस बच्चे को देखता हूँ
और हैरान हूँ कि वह उस उम्र में इतनी स्थिर थी-
यहां तक कि हेलन की भी हो सकती है
हर आम आदमी जैसी तकदीर-
और उस जैसा गाल या बालों का रंग,
और फिर मेरा मन कल्पना में डूब जाता है:
वह मेरे सामने जिन्दा बच्ची के रूप में खड़ी है।
IV
उसकी वर्तमान छवि मन में तैरती है -
क्या इटली के कलाकार की उंगली ने उसे बनाया था
खोखले गाल ने मानो हवा पी ली हो
और मांस की जगह जैसे सायों को मिला दिया हो?
और हालांकि मैं कभी बेहद खूबसूरत नहीं था,
कभी मैं भी आकर्षक हुआ करता था– बहुत हुआ
बेहतर है कि उस मुस्कान पर मुस्कुराया जाये, और दिखाया जाये
कि एक आरामदायक सा बिजूका है।
V
कैसी युवा मां ने, गोद में एक आकृति लिए हुए
पीढ़ी के विश्वास को धोखा दिया था,
और जिसे बचने के लिए सोना, चीखना, संघर्ष करना चाहिए
जैसा कि स्मरणशक्ति या दवा तय करे,
क्या उसने उस आकृति को देखा होगा
क्या उसने सोचा होगा कि उसका बेटा,
साठ साल या उससे ज्यादा उम्र का होगा,
या उसके जीवन की अनिश्चितता
उसके बेटे के जन्म की वेदना का इनाम है?
VI
प्लेटो ने प्रकृति को सिर्फ फेन माना
चीजों पर आत्मिक प्रतिमान बताया;
सैनिक अरस्तू कंचे खेला करता था
अपने गुरू के मार्गदर्शन में;
विश्व-प्रसिद्ध महान गुणों से युक्त पाइथागोरस
छूता था वायलिन की छड़ी या उसके तारों को
प्रसिद्ध कलाकार के गाने को लापरवाह वाग्देवी ने सुना:
पक्षी को डराने के लिए पुरानी छड़ियों पर टंगे पुराने वस्त्र।
VII
नन और मातायें- दोनों छवियों की पूजा करती
हैं,
लेकिन उन मोमबत्ती की रोशनी ऐसी नहीं है
जो माँ के सपनों को सजीव कर दे,
बल्कि संगमरमर या कांस्य को अरामदायक बनाती है।
और फिर भी वे भी दिल को तोड़ देती हैं – वे आकृतियां
जो जुनून, शील या स्नेह और
स्वर्गीय शोभा के सब प्रतीकों को जानती हैं-
वे मनुष्य के उद्यम की स्वयंजनित उपहासक हैं;
VIII
श्रम वहां खिल या नाच रहा है जहां
शरीर को आत्मा की खुशी के लिए कुचला नहीं जाता है।
न ही सुंदरता उसकी ही निराशा से उपजी है,
न ही रात भर की मेहनत से धुंधली आंखों वाला ज्ञान मिलता है।
अरे गहरी जड़ों वाले शाहबलूत के हरे- भरे पेड़,
तुम पत्ती हो, बौर हो या तना हो?
अरे संगीत की धुन पर झूमते, आशान्वित दृष्टिपात,
नृत्य से नर्तकी हम कैसे भिन्न कर सकते हैं?
आन ग्रेगरी के लिए
"कभी कोई जवान आदमी,
निराश नहीं होगा
तुम्हारे कान पर फैले हुए
उन शहद के रंग के घेरों के कारण
वह तुम्हें सिर्फ तुम्हारी वजह से नहीं
बल्कि तुम्हारे सुनहरी बालों के कारण प्यार करेगा।"
"लेकिन मैं बाल रंगवा सकती
हूँ
और ऐसे रंग करवा दूंगी
भूरा, काला, या गाजरी,
जिससे निराश युवा पुरुष
मुझे सिर्फ मेरे लिए प्यार करेंगे
और मेरे सुनहरी बालों को नहीं।"
"मेरी प्रिय, मैंने धार्मिक बुजुर्ग
को
कल रात ही यह कहते सुना
कि उसे एक ग्रन्थ मिला था
जिससे साबित होता है कि सिर्फ भगवान,
तुम्हें प्यार कर सकते हैं तुम्हारे गुणों के लिए
न कि तुम्हारे सुनहरी बालों को। "
स्विफ्ट का स्मृति
लेख
स्विफ्ट अपने अंतिम विश्राम के लिए चल दिया है;
वहां भीषण आक्रोश
उसकी छाती को फाड़ नहीं कर सकता है।
तुम उसकी नकल करने की हिम्मत तो करके दिखाओ,
उस यात्री पर विश्व फ़िदा था; उसने
मानव की आजादी के लिए काम किया।
मोहिनी चटर्जी
मैंने पूछा कि क्या मुझे प्रार्थना करनी चाहिए।
लेकिन ब्राह्मण ने कहा,
"प्रार्थना में कुछ मत मांगो,
हर रात सोने से पहले यह कहो,
'मैं राजा बना हूँ,
मैं गुलाम बना हूँ,
ऐसा कुछ भी नहीं है।
मूर्ख, बदमाश, धूर्त,
जो मैं नहीं रहा हूँ,
और फिर भी बेशुमार सिर
मेरे सीने से लगे हैं।''
ताकि वह किसी लड़के के अशांत दिनों को
चिंतामुक्त कर सके
मोहिनी चटर्जी ने
इन, या इस तरह के शब्दों में
कहा था,
मैं टिप्पणी में बताता हूँ,
"फिर भी हो सकता है पुराने
प्रेमियों ने
हमेशा इससे इनकार कर दिया हो-
कब्रें ही कब्रें हैं
जिससे वे अंधियारी पृथ्वी पर
संतुष्ट हो सकें -
पुराने सैनिकों की परेड,
अनेक जन्म हुए हैं
ताकि इस तरह की गोलाबारी
समय को दूर भगा सके,
जन्म और मृत्यु के समय मिल जाते हैं,
या, जैसा कि महान संतों का कहना
है,
मनुष्य अमर पैरों से नृत्य करते हैं।
वृद्धावस्था में
झगड़े
उसकी मिठास कहां चली गयी थी?
इस अंधे कटु शहर में,
कट्टरपंथियों क्या ईजाद करते हैं
कल्पना या घटना
जो सोचने के लायक नहीं है,
उन्होंने उसे क्रोधित कर दिया।
मैंने काफी कुछ माफ कर दिया था
जिसे बुढ़ापे ने माफ कर दिया था।
जो जी चुके हैं वे सब मौजूद रहते हैं;
इतना निश्चित है;
बूढ़े संतों को धोखा नहीं दिया गया:
पर्दे के पीछे से कहीं न कहीं
विकृत दिनों में से
सिर्फ वह बात याद रहती है
जो इन आंखों के सामने चमकी
जिस पर निशाना साधा गया, वसंत की तरह कुचला
गया।
चर्च और राष्ट्र
कवि यहां नया मामला है,
बुजुर्गों की बैठक होने लायक मामला है;
चर्च और राष्ट्र की ताकत,
उनकी भीड़ को उनके पैरों के नीचे कुचल देती है
आह मगर दिल की मय शुद्ध रहेगी,
मन की रोटी मीठी हो जायेगी।
वे कायरतापूर्ण गीत थे
सपने में और अधिक मत भटको;
क्या हुआ यदि चर्च और राष्ट्र
ही वह भीड़ हो जो दरवाजे पर चिल्ला रही है!
अंत में शराब गाढ़ी हो जायेगी,
रोटी का स्वाद खट्टा हो जायेगा।
ईस्टर 1916
मैं उन्हें दिन ढले मिला हूँ
वे अठारहवीं सदी के धूसर घरों से
काउंटर या डेस्क से
चपल चेहरे बनाये आते हैं।
मैं सिर हिला कर
या अर्थहीन विनम्र बातें करता हुआ वहां से गुजरा हूँ,
या मैंने थोड़ी देर रुक कर
विनम्र अर्थहीन शब्द कहे हैं,
और पहले की किसी मजाकिया कहानी
या उपहास के बारे में सोचा
जिसे क्लब में आग सेंकते हुए
किसी साथी को खुश करने के लिए सुनाया था,
यह यकीन होने पर कि वे और मैं
वहां रहते थे जहां सब मसखरे थे:
सब कुछ बदल गया है, पूरी तरह से:
भयानक सौंदर्य जन्म ले चुका है
जो महिला अपने दिन
अबोध सद्भाव में
और रातें बहस में बिताती थी
जब तक कि उसकी आवाज कर्कश नहीं हो गयी।
जब, वह युवा और सुंदर थी,
उसकी आवाज सबसे ज्यादा मीठी थी
वह खरगोश के शिकार के लिए घुड़सवारी करती थी?
इस आदमी ने स्कूल खोल रखा था
और हमारे सबसे तेज घोड़े की सवारी करता था;
और दूसरा आदमी उसका सहायक और दोस्त
प्रभावशाली बन रहा था;
उसे अंत में प्रसिद्धि मिल सकती
थी
वह कितना संवेदनशील था,
उसके विचार कितने साहसी और मधुर थे।
और वह एक और आदमी जिसे मैं
शराबी, घमंडी गंवार समझता था।
उसने बहुत गलत व्यवहार किया था
उनके साथ जो मेरे दिल के करीब हैं,
फिर भी मैं गीत में उसे याद करता हूँ;
उसने भी, मजाकिया प्रहसन में
अपने हिस्से की भूमिका निभाई है;
वह भी, बदल गया है, पूरी तरह से:
भयानक सौंदर्य जन्म ले चुका है।
उनके दिल में बस एक उद्देश्य था
गर्मियों और सर्दियों के बदलते मौसम में
वे मौत को चुनौती देते हुए
चट्टान जैसे दृढ़ लगते हैं ।
जो घोड़ा सड़क से आता है।
घुड़सवार, पक्षी फैले हुए हैं
एक बादल से दूसरे लुढ़कते बादल तक,
वे पल-पल बदल जाते हैं;
बादल की छाया धारा पर है
पल-पल बदलती हुई;
एक घोड़े का खुर किनारे पर फिसल जाता है,
और एक घोड़ा इसमें छपछपाता है;
लंबी टांगों वाली दलदली मुर्गियां गोता लगाती हैं,
और मुर्गों को आवाज देती हैं;
वे क्षणजीवी हैं:
सबके बीच में दृढ़ लोग हैं।
बहुत लंबे समय से बलिदान
दिल को पत्थर बना सकता है।
आह क्या यह काफी हो सकता है?
वह स्वर्ग का हिस्सा है, हमारे हिस्से में
नाम पर नाम बुदबुदाना आया है,
जैसे माँ अपने बच्चे का नाम लेती है
जब अंततः नींद आ जाती है
उन चंचल शरीर को।
यह रात ही तो है?
नहीं, नहीं, रात नहीं बल्कि मौत;
आखिरकार क्या यह अनावश्यक मौत थी?
क्योंकि इंग्लैंड विश्वास रख सकता है
जो कुछ किया और कहा गया है उन सबके लिए
हम उसके सपने को जानते हैं, यह जानना काफी है
कि उन्होंने सपना देखा और मर गये हैं;
और क्या हुआ अगर प्यार की अधिकता से
वे मरते दम तक व्यग्र रहे?
मैं एक कविता में उन्हें याद करता हूँ-
जहां कहीं भी आयरलैंड का प्रतीक हरा रंग पहना जायेगा,
मैकडोना और मैकब्राइड
और कोनोली और पीयर्स
अब और भविष्य में याद किये जायेंगे,
वे बदल गये हैं, पूरी तरह से:
भयानक सौंदर्य जन्म ले चुका है।
प्यार खत्म हो जाने
पर शोकाकुल प्रेमिका
जर्द भौंह, स्थिर हाथ और मलिन बाल,
मेरी एक खूबसूरत दोस्त थी
और सपना देखती थी कि पुरानी निराशा
अंत में प्यार में खत्म हो जायेगी:
उसने एक दिन मेरे दिल में देखा
और पाया कि वहां तुम्हारी छवि थी;
वह रोती हुई दूर चली गयी है।
राजनीति
मैं रोमन, रूसी
या स्पेनिश राजनीति पर
ध्यान कैसे दे सकता हूँ
जबकि वहां एक लड़की खड़ी है?
फिर भी यहां एक आदमी है जिसने यात्रा की है
जो जानता है कि वह किस बारे में बात कर रहा है,
और एक राजनीतिज्ञ है
जिसने पढ़ा और सोचा है,
और हो सकता है कि वे युद्ध और युद्ध के खतरों के बारे में
जो कहते हैं वह सच हो,
लेकिन काश मैं फिर से जवान हो पाता
और उस युवती को अपनी बाहों में भर लेता!
जब तुम बूढ़ी, पके बालों वाली और नींद से बोझिल होगी,
और आग के समीप बैठ कर ऊंघोगी, इस किताब को उठा लेना,
और धीरे से पढ़ना, उस सौम्य नजर के बारे में सोचना,
जो तुम्हारी आँखों में कभी थी और उनकी गहरी झलक के बारे में सोचना;
और धीरे से पढ़ना, उस सौम्य नजर के बारे में सोचना,
जो तुम्हारी आँखों में कभी थी और उनकी गहरी झलक के बारे में सोचना;
कितने ही लोगों ने प्रेम किया तुम्हारे
खुशनुमा अनुग्रह के क्षणों को,
और झूठे या सच्चे प्रेम से चाहा तुम्हारी सुंदरता
को,
लेकिन एक आदमी प्यार करता था तुम्हारी पावन
आत्मा को,
और तुम्हारे बदलते चेहरे के दुखों को;
और गर्म छड़ों की बगल में नीचे झुकते हुए,
दुख से बड़बड़ाना, प्यार कैसे उड़ गया
और चढ़ गया ऊपर पहाड़ों पर
और छिपा दिया अपना चेहरा तारों की भीड़ में।
सोचने का परिणाम
जान पहचान; साथी;
एक प्रिय प्रतिभाशाली महिला;
सबसे संपन्न, चुनिंदा,
सबको उनकी जवानी ने तबाह कर दिया,
सभी, सब के सब उस अमानवीय
कटु कीर्ति से बर्बाद हो गये।
लेकिन मैंने विनाश, नुकसान और विध्वंस
सबको ठीक कर लिया है;
मैंने कई वर्षों तक मेहनत की तो
इतना गहरा विचार मन में आया
मैं वापस बुला सकता हूँ
उनकी सारी ताकत को पूर्णता में।
ये कैसी छवियां हैं
जो धुंधली आंखों वालों को लौटा देती हैं,
या फिर समय के गंदे भार को हटा देती हैं,
वृद्ध घुटनों को सीधा कर देती हैं,
संकोच करती हैं या रुकी रहती हैं?
कैसे सिर हिलते या मंजूरी देते हैं?
पालने का गीत
स्वर्गदूत झुक रहे हैं
तुम्हारे बिस्तर के ऊपर;
वे थके हुए हैं इकट्ठे हो कर
रिरियाते बेजान लोगों के साथ।
भगवान स्वर्ग में हँस रहा है
तुम्हें इतना अच्छा देख कर;
चलते हुए सातों ग्रह
खुश हैं ईश्वर के साथ।
तुम्हें चूमते हुए मैं आहें भरता हूँ,
क्योंकि मैं मानता हूँ
कि मैं याद करूंगा तुम्हारे बचपन को
जब तुम बड़े हो जाओगे।
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सरिता शर्मा
विलियम बटलर येट्स की, सरिता शर्मा द्वारा अनुदित कवितायें, प्रथम भाग नीचे दिए लिंक पर पढ़े ...
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