बिल्लियाँ
बेहद मुलायम होती हैं
नाज़ुक होती हैं
बड़ी प्यारी होती हैं
रंगबिरंगी बिल्लियाँ
सफ़ेद, काली, भूरी, चितकबरी
पहलू में
आगोश में
गोद में
और कभी बिस्तर में
दुबक जाती हैं
बिल्लियाँ
पंजों में नाख़ून समेटे
झबरी पूँछ लहराते
मूँछें फहराते
बड़े लाड़ से खेलती हैं
दुलराती हैं
गुर्राती हैं
बिल्लियाँ
बिल्लियाँ
तभी तक रहती हैं
बिल्लियाँ
जब तक महफ़ूज़ रहती हैं
सुरक्षित रहती हैं
हल्की सी आहट हो
खतरे भाँप लेती हैं
बिल्लियाँ
पंजों के बाहर
निकलने लगते हैं
नुकीले नाख़ून
पैने दाँत
और पैने हो जाते हैं
पहले गुर्राती हैं
फिर चीखती हैं
और टूट पड़ती दुश्मन पर
दुश्मन चाहे जो हो
जैसा हो
पूरी ताक़त से
भिड़ जाती हैं
बिल्लियाँ
तब बिल्लियाँ नहीं रह जातीं
बिल्लियाँ
बाघ बन जाती हैं
बिल्लियाँ
लेकिन
ऐसा ही क्यों नहीं होता
लड़कियों के साथ
वे क्यों अंत तक बनी रहती हैं
लड़कियाँ
०००
वक़्त की बात
यूँ तो वक़्त सभी के पास है
जिसके पास कुछ भी नहीं है
वक़्त उसके भी पास है
किसिम किसिम के वक़्त हैं
किसिम किसिम के लोगों के पास
क्या कोई ऐसा भी है
जिसके पास
उसके लिए वक़्त है
जिसके पास सिर्फ़
वक़्त है
और वह भी बीता हुआ
एक रीता हुआ शख़्स
क्या किसी के वक़्त के काम का हो सकता है
वक़्त मिले
तो ज़रूर बताना!
०००
लकड़बग्घे ख़ूँख़्वार शिकार पर हैं इन्सानी शक़्ल में
मैं पहले ही हरक रही थी
कि जंगल में घर बनाओगे
तो जंगल घर में घुस आएगा
पर तुम नहीं माने
जंगल में जंगल के नियम चलते हैं
और जंगल का नियम है
कि यहाँ कोई नियम नहीं है
जो समर्थ है
जो वहशी है
जो ताक़तवर है
जो ख़ूँख़्वार है
वही नियम है
वही नियामक है
बाकी सब भ्रामक है
इस भ्रम से निकलने के लिए
पहले जंगल से निकलना होगा
या घर से निकालना होगा
भयावह जंगल
जो पूरे घर में पसरा जा रहा है
अब तुम्हीं बताओ
मैं अकेले दम पर
कैसे बचाऊँ अपना घर
जबकि तुम
जंगल के साथ खड़े हो
०००
रीना श्रीवास्तव
चित्र:- रमेश आनंद
बहुत शानदार कविता
जवाब देंहटाएं👌👌👌
जवाब देंहटाएंअच्छी कविताएं हैं रीना श्रीवास्तव जी की। बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंजंगल में घर घुस आयेगा .....बहुत गहरी बात। बहुत अच्छी कवितायेँ हैं।
जवाब देंहटाएंबधाई